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10 रुपये में लंच की योजना संकट में

बर्दवान शहर के बस टर्मिनल में इसे शुरू की थी अन्नपूर्णा फाउंडेशन ने तत्कालीन जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन ने इस योजना को पहनाया अमलीजामा आर्थिक सहायता न मिलने से भोजन करनेवालों की संख्या रह गयी है 15 फीसदी बर्दवान : राज्य में सबसे पहले शुरू हुआ 10 रुपये में दोपहर का भोजन योजना बंदी के […]

बर्दवान शहर के बस टर्मिनल में इसे शुरू की थी अन्नपूर्णा फाउंडेशन ने

तत्कालीन जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन ने इस योजना को पहनाया अमलीजामा

आर्थिक सहायता न मिलने से भोजन करनेवालों की संख्या रह गयी है 15 फीसदी

बर्दवान : राज्य में सबसे पहले शुरू हुआ 10 रुपये में दोपहर का भोजन योजना बंदी के कगार पर पहुंच गई है. शहर के तीनकोनिया स्थित पुराने बस टर्मिनल में सिर्फ 10 रुपये मं जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया जाता था. इसे अन्नपूर्णा फाउंडेशन ने शुरू की थी. आर्थिक संकट के कारण योजना बंदी के कगार पर है. लुधियाना में सिर्फ एक रुपये पर इस तरह की योजना चलती है. बर्दवान में मई,2015 में तत्कालीन जिलाशासक डॉ सौमित्र मोहन की पहल पर इसे शुरू किया गया था.

बस टर्मिनल के यात्री निवास भवन के एक हिस्से में इसे शुरू किया गया. रविवार को योजना बंद रहती थई. इसमें सहयोग के लिए व्यवसायी, नगरपालिका के कई पार्षद, राइस मिल मालिक तथा स्वयंसेवी संस्थाओं को मिला कर कमेटी गठित की गई थी. कमेटी ने अगस्त, 2019 तक इसे जारी रखा. 10 रुपये में भात, दाल, सब्जी, पनीर की सब्जी, चटनी और खीर मिलती है. शुरूआती दौर में कई संस्थाओ ने यहां विभिन्न समारोह आयोजित किया.

रोजाना एक हजार से 12 सौ लोग लंच करते थे. इनमें अधिसंख्य रिक्शाचालक, मोटिया मजदूर, दिहाड़ी श्रमिक होते थे. लेकिन इस समय यह संख्या घट कर दो सौ तक रह गई है. कमेटी सदस्य सह पूर्व पार्षद खोकन दास ने कहा कि आर्थिक सहायता नहीं मिलने से संकट बना है. अगले सप्ताह कमेटी की बैठक होगी. इस योजना के भविष्य पर निर्णय लिया जायेगा. तत्कालीन जिलाशासक डॉ मोहन ने कहा कि कोलकाता में पदास्थापन होने के कारण उन्हें अद्यतन जानकारी नहीं है.

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