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चोरों पर रहेगी पैनी नजर

भारत-बांग्लादेश सीमा पर गाय चोरी की घटना बीएसएफ ने पुलिस के साथ की बैठक सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी महकमा अंतर्गत भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित फांसीदेवा में गाय चोरी की बढ़ती घटनाओं ने एक गंभीर रूप धारण कर लिया है. हर दिन ही बांग्लादेशी चोर भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाते हैं और गाय बैलों सहित अन्य […]

भारत-बांग्लादेश सीमा पर गाय चोरी की घटना

बीएसएफ ने पुलिस के साथ की बैठक

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी महकमा अंतर्गत भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित फांसीदेवा में गाय चोरी की बढ़ती घटनाओं ने एक गंभीर रूप धारण कर लिया है. हर दिन ही बांग्लादेशी चोर भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाते हैं और गाय बैलों सहित अन्य पशुओं की चोरी कर वापस अपने देश में घुस जाते हैं. इसकी वजह से सीमावर्ती इलाके के विभिन्न गांवों में पशुओं की संख्या में भी भारी कमी हो गई है. सीमावर्ती गांवों के लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बरसात के समय गाय की चोरी की घटनाओं में काफी वृद्धि हो जाती है.

फांसीदेवा इलाके में भारत-बांग्लादेश सीमा पर कंटीले तार का घेरा नहीं लगा हुआ है. इसकी वजह से ही बीएसएफ जवानों की आंखों में धुल झोंक कर बांग्लादेशी चोर भारतीय सीमा में प्रवेश करते हैं और पशुओं की चोरी कर नौ दो ग्यारह हो जाते हैं. पशुओं की चोरी की इस बढ़ती घटनाओं से परेशान स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से कार्रवाई की गुहार लगायी है, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ. यहां उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ही गांव वालों ने दो बांग्लादेशी पशु चोरों को पकड़ लिया था और उसकी जमकर पिटायी की थी.

दोनों को ही अधमरा हालात में उत्तर बंगाल मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में भरती कराया गया था. तब गांव वालों ने बीएसएफ की एक गाड़ी को भी रोक लिया था और बीएसएफ अधिकारियों का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया था. उसके बावजूद गाय चोरी की घटनाओं में कोई कमी नहीं आयी. बाध्य होकर सीमावर्ती गांव के लोगों ने आंदोलन का रूख अख्तियार कर लिया. पिछले एक सप्ताह से फांसीदेवा ब्लॉक के विभिन्न सीमावर्ती गांव के लोग लगातार विरोध प्रदर्शन और सड़क अवरोध करते आ रहे थे. संभवत: इसी वजह से प्रशासन की नींद खुली है और प्रशासन ने गाय चोरी की घटना को रोकने के लिए आवश्यक पहल की शुरूआत कर दी है.

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीएसएफ ने स्थानीय पुलिस वालों के साथ मिलकर एक संयुक्त बैठक की. इसी बैठक में सीमावर्ती गांव के लोगों को लेकर एक विशेष टीम गठन करने का निर्णय लिया गया. इस टीम में बीएसएफ तथा पुलिस के जवानों के अतिरिक्त स्थानीय गांव के लोग भी शामिल होंगे. टीम के सदस्य रात में सीमावर्ती इलाकों की पहरेदारी करेंगे. प्रशासन ने गांव वालों को टॉर्च उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया है.

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