सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय (एनबीयू) का सरोजिनी होस्टल आज उस समय रणक्षेत्र में तब्दील हो गया जब खाने की होड़ को लेकर दो छात्र आपस में भिड़ गयी और तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुई झगड़ा बाद में हाथापाई में तब्दील हो गयी. यह झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों आपस में भिड़ कर लहूलुहान हो गये.
बाद में दोनों को गंभीर हालत में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भरती कराया गया. खबर लिखे जाने तक दोनों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. प्रत्यक्षदर्शी छात्राओं के अनुसार, दोपहर के खाने को लेकर होस्टल के मेस में छात्राएं लाइन में खड़ी थी. उसी दौरान इतिहास में एमए कर रही सतिका लाइन तोड़ कर पहले खाना लेने चली गयी. यह देख कर फिलोस्फी में एमए कर रही हैमंती आग बबूला हो उठी और इसका विरोध किया. सतिका ने उसकी एक न सुनी और मेस में रखे हॉटपॉट से हैमंती पर प्रहार किया. हैमंती ने भी बदले में गरमा-गरम दाल व सब्जियां सतिका के उपर उड़ेल दी.
दोनों ही गंभीर रूप से जख्मी हो गयी. इस घटना के बाद हॉस्टल में अफरा-तफरी मच गयी और विश्वविद्यालय प्रबंधन को हाथोंहाथ सूचित किया गया. प्रबंधन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले को गंभीरता से लिया जायेगा और पूरे घटनाक्रम की जांच करायी जायेगी. घटना के समय वार्डन होस्टल में मौजूद थी या नहीं इसकी भी जांच होगी. प्रबंधन का कहना है कि अनुशासन तोड़ने वाले को कभी बख्शा नहीं जायेगा. इस घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के उत्तर बंगाल इकाई के प्रमुख प्रदीपन गांगुली ने कहा कि सरोजिनी होस्टल गर्ल्स होस्टल होने के बावजूद यहां पर काफी दिनों से वार्डन नहीं है. एक महिला वार्डन की मांग कई बार विश्वविद्यालय प्रबंधन से की जा चुकी है, लेकिन आज तक नहीं सुनी गयी. साथ ही इस होस्टल में जो सुपर है, वह भी पूरी तरह निष्क्रीय है. उन्होंने कहा कि जल्द ही अगर यहां महिला वार्डेन की नियुक्ति नहीं की गयी तो छात्राओं की सुरक्षा को लेकर और भी कई अनहोनी घटनाएं घटित हो सकती है.