11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चाय उद्योग में हड़ताल की चेतावनी, आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं चाय श्रमिक

सिलीगुड़ी : न्यूनतम वेतन और मजदूरी को लेकर आयोजित त्रिपक्षीय बैठक बार बार फेल होने से चाय श्रमिकों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. बार-बार सिर्फ तारीख मिलने से चाय श्रमिक काफी नाराज हैं. इसी कारण चाय श्रमिक अबकी बार आर-पार की लड़ाई के मूड में है.इसको लेकर विभिन्न चाय श्रमिक यूनियनों के […]

सिलीगुड़ी : न्यूनतम वेतन और मजदूरी को लेकर आयोजित त्रिपक्षीय बैठक बार बार फेल होने से चाय श्रमिकों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. बार-बार सिर्फ तारीख मिलने से चाय श्रमिक काफी नाराज हैं. इसी कारण चाय श्रमिक अबकी बार आर-पार की लड़ाई के मूड में है.इसको लेकर विभिन्न चाय श्रमिक यूनियनों के संयुक्त फोरम के बैनर तले शनिवार को चाय श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू किया. आज सिलीगुड़ी सहित पूरे उत्तर बंगाल में चाय श्रमिक प्रदर्शन करने करने उतरे.
डुआर्स के भी कई इलाकों में चाय श्रमिकों द्वारा प्रदर्शन किए जाने की खबर है. शनिवार सुबह भारी संख्या में चाय श्रमिक सिलीगुड़ी के तराई इंडियन प्लांटर्स एसोसिएशन (टीपा)कार्यालय के सामने जमा हुए और न्यूनतम वेतनमान तत्काल तय करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. इस आंदोलन की अगुवाई इंटक नेता आलोक चक्रवर्ती कर रहे थे. इन लोगों ने टीपा के अधिकारियों को एक ज्ञापन भी दिया. काफी संख्या में चाय श्रमिक कार्यालय के सामने धरने पर भी बैठे रहे.
चाय श्रमिकों का कहना था कि न्यूनतम वेतन एवं मजदूरी को लेकर फैसला जल्द होना चाहिए. राज्य सरकार तथा चाय बागान मालिक इस मुद्दे को लटकाना चाहते हैं. यही वजह है कि बार-बार बैठक बुलाई जाती है, लेकिन उसमें कोई फैसला नहीं होता है. हर बार बैठक में कोई-न-कोई अगली तिथि बैठक के लिए तय कर दी जाती है. 2 दिनों पहले ही उत्तरकन्या में राज्य के लेबर कमिश्नर के नेतृत्व में एक बैठक हुई थी. उसमें भी चाय श्रमिकों की मजदूरी को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ. सिर्फ अंतरिम मजदूरी दिए जाने की बात कही जाती है. चाय श्रमिक इतने भर से मानने को तैयार नहीं हैं. चाय श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी चाहिए. इसीलिए सभी चाय श्रमिक न्यूनतम मजदूरी की मांग में आंदोलन कर रहे हैं.
इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे इंटक नेता आलोक चक्रवर्ती ने कहा कि श्रमिकों की समस्या काफी पुरानी है. सिर्फ न्यूनतम वेतन और मजदूरी ही नहीं, बल्कि राशन की भी समस्या है. पिछले कुछ वर्षों से चाय श्रमिकों को राशन मिलना भी बंद हो गया है. चाय श्रमिक इससे काफी परेशान हैं. चाय बागान मालिक न्यूनतम मजदूरी और राशन देने के मामले में बहानेबाजी के अलावा और कुछ नहीं कर रहे हैं. अब इस तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी. चाय श्रमिक अपना अधिकार लेकर रहेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि अपनी मांगों को लेकर चाय श्रमिक कोई बंद हड़ताल करना नहीं चाहते हैं. बागान मालिक और सरकार इस दिशा में तत्काल कार्रवाई नहीं करती है तो चाय श्रमिक हड़ताल और बंद बुलाने के लिए भी बाध्य होंगे. उन्होंने बागान मालिकों को 24 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने आगे कहा कि यदि 24 जुलाई से पहले न्यूनतम मजदूरी तय नहीं की जाती है तो चाय उद्योग में 24 तथा 25 तारीख को बंद का आह्वान किया जाएगा.
उन्होंने साफ-साफ कहा कि अब न्यूनतम वेतनमान तथा मजदूरी तय करने के मामले को बागान मालिक और ज्यादा दिनों तक नहीं टाल सकते हैं. उन्हें कोई ना कोई निर्णय लेना ही होगा. चाय श्रमिक अब किसी भी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चाहते. उन्होंने आगे कहा कि आज चाय बागान मालिक संगठनों के विभिन्न कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया है. सिलीगुड़ी में भी तराई क्षेत्र के काफी चाय श्रमिक इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें