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चाकुलिया : अनाथ व बेसहारा रवि को मिली बड़ी कामयाबी
उच्च माध्यमिक छात्र को मिले 418 अंक चाकुलिया : मां और पिता बचपन में ही गुजर गये थे. पैतृक संपत्ति जीजा ने हड़प ली थी. उसके बाद उसे स्कूल के अहाते में ही आश्रय मिला. इस तरह से रवि कुमार दास का जीवन संघर्ष प्रारंभ हुआ. इस दौरान उसे स्कूल के शिक्षकों का भरपूर सहयोग […]
उच्च माध्यमिक छात्र को मिले 418 अंक
चाकुलिया : मां और पिता बचपन में ही गुजर गये थे. पैतृक संपत्ति जीजा ने हड़प ली थी. उसके बाद उसे स्कूल के अहाते में ही आश्रय मिला. इस तरह से रवि कुमार दास का जीवन संघर्ष प्रारंभ हुआ. इस दौरान उसे स्कूल के शिक्षकों का भरपूर सहयोग मिला और उसने जी-तोड़ मेहनत भी की.
उसी के नतीजे से उसे उच्च माध्यमिक परीक्षा में 418 अंक मिले हैं. रवि कुमार की इस कामयाबी से उसके शिक्षक बेहद खुश हैं. दरअसल, खुश हों भी क्यों नहीं, रवि कुमार को तेज विद्यार्थी के रूप में तैयार करने में उसके शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है.
शिक्षकों ने अपने-अपने टिफिन से उसके लिए रात के भोजन की व्यवस्था करायी थी. दोपहर के भोजन का इंतजाम मिड डे मील से किया गया. इस तरह से उसके निर्वाह की व्यवस्था शिक्षकों ने की. बेशक अन्य संभ्रांत परिवार के बच्चों की तुलना में उसे कम अंक भले मिले हों, लेकिन जिस तरह का जीवन संघर्ष रवि कुमार ने इस कामयाबी के लिए किया वह प्रशंसनीय है. स्थानीय सूत्र के अनुसार रवि कुमार दास की उम्र जब दो साल की थी तब उसके पिता हरिमोहन दास का निधन हो गया.
उसके बाद माध्यमिक परीक्षा के दौरान कैंसर से पीड़ित होकर उसकी मां कमला दास चल बसी. वे पाटुआ मालिन ग्राम शिक्षा केन्द्र की शिक्षिका थी. बेलन अंचल के गोरहा गांव स्थित पैतृक जमीन पर उनका मकान था. जब तक मां जीवित रही, तब तक सबकुछ ठीक-ठाक चलता रहा. लेकिन मां के गुजरने के बाद ही उसके जीवन में अंधकार छा गया. उसके बाद उसकी दीदी और जीजा ने मिलकर उसकी पैतृक संपत्ति को हथिया कर उसे बेघर कर दिया.
उसके बाद ही स्कूल के शिक्षक उसका सहारा बने. भोजन से लेकर किताब-कॉपी तक जरूरत की हर चीजें उन्होंने मुहैया करायी. शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपने कर्त्तव्य का पालन किया है. साथ ही रवि कुमार ने बेहतरीन परिणाम लाकर उनका मान भी रखा है.
स्कूल के प्रधान शिक्षक बासुदेव दे ने बताया कि रवि ने हम सभी का मस्तक गर्व से ऊंचा कर दिया है. हम सभी उसके बेहतर भविष्य की कामना करते हैं. रवि कुमार ने कहा कि उसके पास शिक्षकों के सहयोग को लेकर धन्यवाद देने के लिए शब्द नहीं हैं. वही हमारे लिए माता-पिता तथा अभिभावक सबकुछ हैं.
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