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18 दिनों बाद घर पहुंची प्रियंका

सिलीगुड़ी : पंचायत चुनाव खत्म होने के 18 दिनों बाद आखिरकार भाजपा नेता आलोक सेन की दत्तक बेटी वापस मिल गयी है. इतने दिनों बाद बेटी को पाकर भाजपा नेता तथा उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं. प्रशासन के हस्तक्षेप से उनकी बेटी प्रियंका सेन जलपाईगुड़ी के बाल गृह से अपने घर फूलबाड़ी वापस […]

सिलीगुड़ी : पंचायत चुनाव खत्म होने के 18 दिनों बाद आखिरकार भाजपा नेता आलोक सेन की दत्तक बेटी वापस मिल गयी है. इतने दिनों बाद बेटी को पाकर भाजपा नेता तथा उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं. प्रशासन के हस्तक्षेप से उनकी बेटी प्रियंका सेन जलपाईगुड़ी के बाल गृह से अपने घर फूलबाड़ी वापस लौट आयी है. भाजपा ने इसे सत्य की जीत बताया है.
भाजपा के जिला महासचिव अभिजीत राय चौधरी का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नेता आलोक सेन को पंचायत चुनाव से रोकने के लिए एक साजिश की थी. यहां उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले संपन्न पंचायत चुनाव में आलोक सेन फूलबाड़ी जिला परिषद सीट से भाजपा के उम्मीदवार थे. चुनाव प्रचार के दौरान ही उन पर एक बच्ची के अपहरण का आरोप लगा था, जबकि वास्तविकता यह है कि उन्होंने बच्ची को गोद लिया था.
बच्ची उनकी दत्तक पुत्री है. हांलाकि उस समय बच्ची के मूल माता-पिता ने अपहरण का आरोप लगाया था. भाजपा नेता अभिजीत राय चौधरी ने आगे कहा कि दरअसल ऐसे आरोप आलोक सेन को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए लगाये गये थे. राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव पर भी उन्होंने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गौतम देव के इशारे पर ही यह ओछी हरकत की गई. अपनी बेटी प्रियंका सेन को वापस पाकर आलोक सेन तथा उनकी पत्नी मोंपी सेन काफी खुश हैं. इस मामले में जब प्रियंका की मां मोंपी से बात की गयी तो उन्होंने कुछ खास बोलने से इंकार कर दिया लेकिन कहा कि वह बेटी को वापस पाकर बेहद खुश हैं.
जबकि आलोक सेन ने राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि उनको चुनाव लड़ने से रोकने और फंसाने के लिए साजिश रची गयी. श्री सेन ने साजिश रचने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करने की भी धमकी दी.यहां बता दें कि पंचायत चुनाव में भाजपा उम्मीदवार श्री सेन पर एक बच्ची को अगवा करने का आरोप लगा था. पुलिस ने बच्ची को भाजपा नेता के घर से बरामद किया था.यह घटना न्यू जलपाईगुड़ी थाना अंतर्गत जलपाईगुड़ी जिले के डाबग्राम इलाके में घटी थी. बच्ची की मूल मां की शिकायत पर न्यू जलपाईगुड़ी थाने की पुलिस ने बच्ची को आलोक सेन के घर से बरामद कर लिया था. ज
बकि वास्तविकता यह है कि बच्ची अपने असली मां-बाप को ही आंटी और अंकल कहकर बुलाती है. जबकि आलोक सेन व उनकी पत्नी को मम्मी, पापा बुलाती है. उस बच्ची को जन्म देने वाली मां सुष्मिता सिन्हा कौशिक ने न्यू जलपाईगुड़ी थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था. महिला की शिकायत पर न्यू जलपाईगुड़ी थाने की पुलिस ने फूलबाड़ी के बकराभीटा स्थित आलोक सेन के निवास से बच्ची को बरामद कर लिया था. हांलाकि बच्ची को जन्म से ही आलोक सेन पाल रहे हैं.
आर्थिक तंगी की वजह से उसे जन्म देने वाले माता-पिता ने आलोक सेन को सौंप दिया था. वर्तमान में बच्ची की उम्र 14 वर्ष है. आलोक सेन उसे कोलकाता के एक नामी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ा रहे हैं. बच्ची कुछ ही दिन पहले छुट्टी में सिलीगुड़ी आयी थी. आलोक सेन का अपना एक बेटा भी है. बचपन से लेकर आजतक बच्ची का लालन-पालन उन्होंने अपने संतान जैसा ही किया है. स्कूल से लेकर बच्ची के सभी कागजात, आधार कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि में भी माता-पिता के स्थान पर आलोक सेन व उनकी पत्नी का नाम लिखा है.

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