सिलीगुड़ी : बंगाल में सत्ता के विरोध में चुनाव लड़ना, टेढ़ी खीर है. खून-खराबा से भरा हुआ. पंचायत चुनाव से पहले चुनाव आयोग और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का झगड़ा जग जाहिर हो चुका है.
पंचायत चुनाव के दौरान हम चाहते है कि चुनाव आयोग चुनाव प्रचार, सुविधा व सुरक्षा के साथ ऐसा माहौल तैयार करे कि आम आदमी निर्भर होकर अपने मत का प्रयोग कर पाये. हमें तो पूर्व वाम सरकार और वर्त्तमान की ममता सरकार में कोई अंतर ही दिखायी नहीं पड़ता. हम बिना गठबंधन के बंगाल के पंचायत चुनाव में उतरेंगे. यह कहना है भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महासचिव प्रकाश जावेड़कर का. वें शनिवार को सिलीगुड़ी में पत्रकारों से मुखातिब थे.
श्री जावड़ेकर नाथुला स्थित भारत -चीन सीमा सुरक्षा का निरीक्षण के दौरे पर आये हुये है. इसके बाद वे पूर्वोत्तर की ओर रूख करेंगे. जावड़ेकर ने बंगाल की राजनीति सहित विभिन्न विषयों को छुआ.
भाजपा महासचिव से पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को यूपीए थ्री के लिए तृणमूल और वाममोरचा किसी से परहेज नहीं है. वहीं बीजेपी कर्नाटक विधान सभा चुनाव में अपने सहयोगी युदरप्पा के कारण पराजय हुई. ऐसे में भाजपा की क्या रणनीति है? उन्होंने सवाल का जवाब देते हुये कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार और भ्रष्ट चरित्र के लोगों का विरोध करती आयी है.
हमें हार का मलाल नहीं है. किसी भ्रष्ट साथी के साथ समझौता करके, घोटाला को सह देने से अच्छा है, हार का मुख देखना. हम पांच वर्ष कर्नाटक में अच्छे विरोधी रहेंगे. उनसे पूछे जाने पर कि देश महंगाई, भ्रष्टाचार से घिर गया है. ऐसे में विपक्ष , विपक्ष की भूमिका ठीक ढ़ंग से नहीं निभा पा रहा है? उन्होंने कहा कि महंगाई और भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस है.
विश्व में जहां दूसरे देश में खाद्य-वस्तुओं का मूल्य गिरे है, यदि बढ़े है, तो मात्र एक फीसदी. लेकिन भारत में महंगाई 10 से 20 फीसदी बढ़े है. केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने तो यूपीए की आर्थिक व्यवस्था की पोल खोल कर दी. रिपोर्ट के अनुसार जीडीपी गिर कर 4.8 फीसदी हो गयी. एक आर्थिक विशेषज्ञ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था ऐसी हो, यह राष्ट्रीय शर्म की बात है.
सन् 1998 में अटल जी नेतृत्व में भारत का जीडेपी 4.5 फीसदी से साढ़े आठ फीसदी पहुंचा था. प्रति वर्ष एक करोड़ 20 लाख नौकरियां सृजित किया किया गया था. लेकिन यूपीए मात्र 20 लाख नौकरी. मनरेगा को नौकरी परियोजना कहना गलत है. यह राहत है. किसान व निजी व असंगठिन क्षेत्र के कर्मचारी शोषण के शिकार हो रहे है. छत्तीसगढ़ में हुये कांग्रेस के पदयात्र रैली पर हमले की उन्होंने निंदा करते हुये कहा कि नक्सलवाद से लड़ने में कांग्रेस पूरी तरह नाकाम है.
इससे 20 राज्य और 233 जिला जूझ रहा है, लेकिन सरकार के सीआरपीएफ जवान के बल पर इसका समाधान सोचती है. एक चीज समझना होगा कि ट्राइवल और नक्सली में भेद है. निचले स्तर पर विकास करना चाहिए. चीन के बढ़ते कदम पर उन्होंने कहा कि मैं नाथुला जा रहा हूं. वहां की स्थिति का जायजा लूंगा.