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बम धमाकों ने किया आंदोलन को दिशाहीन : अमृत योंजन

राज्य सरकार पर भी साधा परोक्ष निशाना शोषण व अन्याय जारी रहा तो नहीं बैठेंगे चुप दार्जिलिंग : बम के धमाकों ने हाल ही के गोरखालैंड आन्दोलन को दिशाहीन कर दिया था. रविवार को यह आरोप गोरखा जनमुक्ति युवा मोर्चा गोजयुमो ने लगाया है. आज शहर के मोटर स्टैंड में गोजयुमो ने विशाल जनसभा का […]

राज्य सरकार पर भी साधा परोक्ष निशाना
शोषण व अन्याय जारी रहा तो नहीं बैठेंगे चुप
दार्जिलिंग : बम के धमाकों ने हाल ही के गोरखालैंड आन्दोलन को दिशाहीन कर दिया था. रविवार को यह आरोप गोरखा जनमुक्ति युवा मोर्चा गोजयुमो ने लगाया है. आज शहर के मोटर स्टैंड में गोजयुमो ने विशाल जनसभा का आयोजन किया. जनसभा में गोजमुमो के केंद्रीय सांगठनिक प्रमुख एलएम लामा, दार्जिलिंग महकमा समिति के अध्यक्ष आलोककान्त मणि थुलुंग जैसे केन्द्रीय नेतृत्व के लोगों की विशेष उपस्थिति रही. जनसभा को सम्बोधित करने के दौरान युवा मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष अमृत योंजन ने कहा कि पिछले माह हुआ गोरखालैंड आन्दोलन अपने पूरे उफान पर था. आंदोलन से राज्य सरकार भी हिल गयी थी.
लेकिन उसी दौरान शहर के मोटर स्टैंड के सामने बम धमाका कर आन्दोलन का सत्यानाश कर दिया. शहर में बम विस्फोट के बाद पार्टी और पार्टी कार्यकर्ताओं पर जिस तरह का संकट आया संभालने के लिए अगर विनय तमांग और अनित थापा कदम नहीं उठाये होते तो हालात नियंत्रण से बाहर हो सकता था. एक एक कर बम धमाकों के बाद पहाड़ में राज्य सरकार की दमन नीति ने स्थिति को भयावह बना दिया था. लेकिन उस भयावह परिस्थितियों में भी दार्जिलिंग से सांसद एसएस अहलूवालिया यहां की अवस्था के बारे में पूछने तक नहीं आये.
अध्यक्ष योंजन ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ दिनों पहले दार्जिलिंग से सांसद अहलूवालिया ने विमल गुरुंग को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास की बात कही थी. हालांकि अहलूवालिया केवल एक व्यक्ति के वोट से सांसद नहीं बने थे. उन्हें पहाड़ की संपूर्ण जनता से वोट देकर जिताया था. उसी के चलते आज वे केन्द्रीय राज्य मंत्री के पद पर हैं.
यह सबकुछ जानते हुए भी अहलूवालिया ने अपनी गलतियों को छिपाने के लिये तरह तरह की बातें कही हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था, मैं पहाड़ के वोट से नहीं बल्कि तराई और समतल के वोट से संसद बना हूं. सांसद को यह कहते हुए लज्जा का बोध तक नहीं हुआ. अध्यक्ष योंजन ने कहा कि भारतीय गोरखाओं को भाजपा ने शुरू से सब्ज-बाग दिखाकर गोरखाओं को गुमराह किया है.
नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पहाड़ के लोगों ने सांसद एसएस अहलुवालिया को भारी मतों से विजयी बनाया था. उसके बाद देश में एनडीए की सरकार भी केंद्र में बनी, लेकिन आज तक गोरखाओं का सपना पूरा नहीं हुआ. केन्द्र सरकार ने गोरखाओं के 11 जातीय समूहों को जनजाति का दर्जा देने की बात कही थी. लेकिन वह भी आज तक पूरा नहीं हुआ. भाजपा के नेताओं ने पहाड़ में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की बात कही थी, लेकिन वह भी आज तक साकार नहीं हुआ.
अमृत योंजन ने राज्य सरकार का नाम लिये बिना कहा कि पहाड़ में शांति-व्यवस्था बनाये रखने की बात कही जाती है. लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना होगा.
आन्दोलनकाल के सभी मामलों को वापस लेना होगा. बी, सी, डी श्रेणी के सरकारी कार्यालयों में नियुक्ति देनी होगी. यहां कल कारखानों खोलने होंगे. पहाड़ की लंबे समय की मांग के समाधान के लिए गोजमुमो के साथ त्रिपक्षीय वार्ता करनी होगी. उन्होंने कहा कि हमारे पार्टी अध्यक्ष विनय तमांग ने शत्रुता शून्य राजनीति की बात कही है. इसलिये हम लोगों के गाल पर किसी ने यदि थप्पड़ मारा है तो हम दूसरा गाल भी दे देंगे. लेकिन यदि शोषण व अन्याय का सिलसिला लगातार जारी रहा तो हम उसका माकूल जवाब भी देंगे. जनसभा को अरुण छेत्री, तिलक छेत्री ने भी सम्बोधित किया.

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