11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

स्टेट बैंक अधिकारी संघ ने मनाया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

सिलीगुड़ी : मंगलवार को स्टेट बैंक अधिकारी संघ के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में एक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न भाषाओं में गीत, कविता, एकल नाटक आदि प्रस्तुतियां स्टेट बैंक के अधिकारियों के द्वारा दी गई.प्रसिद्ध गायक सौवनिक ने इस अवसर पर अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया.कार्यक्रम […]

सिलीगुड़ी : मंगलवार को स्टेट बैंक अधिकारी संघ के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में एक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न भाषाओं में गीत, कविता, एकल नाटक आदि प्रस्तुतियां स्टेट बैंक के अधिकारियों के द्वारा दी गई.प्रसिद्ध गायक सौवनिक ने इस अवसर पर अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया.कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में स्टेट बैंक के उप महाप्रबंधक सतीश राव तथा विशिष्ट अतिथि के रुप में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.गौड़ मोहन राय उपस्थित थे.

सतीश राव तथा डॉ. गौड़ ने सभी भारतीय भाषाओं को महत्वपूर्ण बताया तथा इसके प्रयोग पर बल दिया. स्टेट बैंक अधिकारी संघ के चीफ रिजनल सक्रेटरी उत्पल दत्त ने कहा कि हमें सभी भारतीय भाषाओं के विकास और प्रचार के लिए काम करने की आवश्यकता है. अपनी भाषाओं को बचाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा और मिलजुल कर प्रयास करना होगा.
इस अवसर पर प्रेसिडेंट देबांत गोस्वामी, एजीएस एलटी येल्मो, डीजीएस स्टेट बैंक स्टाफ एशोसिएशन गौतम सेनगुप्ता, बारिन गुहा, अरुप घोष, ज्योति बर्धन, देबब्रत दास सहित स्टेट बैंक के अधिकारी तथा सिलीगुड़ी के गणमान्य सदस्य भारी संख्या में उपस्थित थे. इस अवसर पर डॉ. गौड़ मोहन राय को साहित्य सेवा के लिए सम्मानित किया गया.
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 1952 में चले बांग्ला भाषा मुक्ति अभियान की याद में युनेस्को की घोषणा के बाद वर्ष 2000 से पूरे विश्व में हर वर्ष 21 फरवरी को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य बहुभाषिकाता को बढ़ावा देना तथा मातृभाषाओं को बचाना है. आज इसका महत्व इसलिए भी है कि विश्व की आधी से अधिक भाषाएं समाप्त होने की कगार पर हैं या संकटग्रस्त हैं.
भारत में ही 42 भाषाएं युनेस्को की अत्यधिक संकटग्रस्त भाषाओं की सूची में है. आज जनजातियों के द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं पर संकट सबसे अधिक है. जनजातियों के विस्थापन तथा उनकी भाषा में रोजगार के अवसरों का न होना भाषा को संकटग्रस्त बना रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें