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सिलीगुड़ी : आखिरकार अपने संसदीय क्षेत्र में आये अहलुवालिया

सिलीगुड़ी : बीते वर्ष 104 दिनों तक दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में हुए गोरखालैंड आंदोलन के दौरान मैं गुमशुदा नहीं हुआ, बल्कि सोशल साइट व्हाट्स अप के जरिये पहाड़वासियों के साथ हमेशा जुड़ा रहा. यह सफाई दी है दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद तथा केंद्रीय मंत्री एसएस अहलुवालिया ने. वह पहाड़ पर हुए साढ़े तीन […]

सिलीगुड़ी : बीते वर्ष 104 दिनों तक दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में हुए गोरखालैंड आंदोलन के दौरान मैं गुमशुदा नहीं हुआ, बल्कि सोशल साइट व्हाट्स अप के जरिये पहाड़वासियों के साथ हमेशा जुड़ा रहा. यह सफाई दी है दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद तथा केंद्रीय मंत्री एसएस अहलुवालिया ने. वह पहाड़ पर हुए साढ़े तीन महीने के हिंसक आंदोलन और अब शांति आने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र में आये हैं. वह शुक्रवार को सिलीगुड़ी पहुंचे. सिलीगुड़ी से सटे माटीगाड़ा के खपरैल में अपने बंग्लो में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया के सामने बीते वर्ष पहाड़ हुए हिंसक आंदोलन के लिए ममता सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने फिर कहा कि भाजपा छोटे राज्यों के पक्ष में है, लेकिन राज्य सरकार इसे लेकर राजनीति कर रही है. पहाड़ पर शांति और समस्या का हल मात्र त्रिपक्षीय वार्ता से संभव है. इसे लेकर राज्य सरकार को कई बार प्रस्ताव भी दिया गया, लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि वह जल्द पहाड़ दौरे पर भी जायेंगे. केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही दार्जिलिंग के मुख्य डाकघर में भी एक पासपोर्ट केंद्र खोला जायेगा. श्री अहलुवालिया शनिवार को सिलीगुड़ी के हिमाचल विहार में पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन करेंगे.
आखिरकार अपने संसदीय…
इस दौरान ममता सरकार के पर्यटन मंत्री गौतम देव, सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य, माटीगाड़ा के विधायक शंकर मालाकार, सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सभाधिपति तापस सरकार समेत अन्य कई विधायकों व नेताओं के भी शिरकत किये जाने की अटकलें हैं.
विमल आज भी पहाड़ के नेता
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा से निष्कासित पूर्व सुप्रीमो विमल गुरुंग आज भी पहाड़ के नेता हैं और उन्हें व पहाड़वासियों को भाजपा का पूरा समर्थन है. पहाड़ पर हिंसक आंदोलक के दौरान विमल गुरुंग ही नहीं, बल्कि विनय तमांग समेत कई मोर्चा नेताओं के खिलाफ मुकदमा है. लेकिन विनय आज कानूनी लफड़ों से बचने के लिए ममता के ही दुहाई पर पहाड़ के नेता बन बैठे हैं. ममता सरकार केवल पहाड़ पर ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में तानाशाही चला रही है. इसका जवाब उन्हें जनता देगी.

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