एसपी व डीएम से गुहार लगाने के बावजूद इंसाफ नहीं
पहले भी कर चुका है युवक आत्महत्या का प्रयास
बालुरघाट : र्वजनिक उपयोग के लिए खरीदे गये जमीन के चार छटांक टुकड़े पर अवैध कब्जा हटवाने के लिए एक नौजवान ने जिला प्रशासकीय कार्यालय में जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की थी. उस समय उसे अस्पताल में भर्ती कराकर बचा लिया गया था. लेकिन जिला प्रशासन से अभी तक उसे इंसाफ नहीं मिला है. इसीलिये उसने एक बार फिर आत्महत्या की चेतावनी दी है.
यह घटना दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुशमंडी थानांतर्गत मालीगांव ग्राम पंचायत के चोखियापुर इलाके में घटी है. इस गांव का निवासी 27 वर्षीय फिरोज यासधानी की इस नवीनतम चेतावनी को लेकर जिला प्रशासनिक कार्यालय समेत चोखियापुर इलाके में हड़कंप है. आरोप है कि युवक की मां ने जिले के एसपी और डीएम दोनों से लिखित रुप से इंसाफ की गुहार लगायी है. लेकिन तब भी मां-बेटे को इंसाफ नहीं मिला है. इसलिये बेटे ने एक बार फिर जहर खाकर खुदकुशी करने की धमकी दी है.
जानकारी अनुसार फिरोज की मां खैरुन नेशा ने सड़क के लिये चार छटांक जमीन का टुकड़ा 2010 में खरीदा था. लेकिन इलाके के दबंग मोहम्मद अली, मोजाम अली, मोनवारा बेगम, कलाम अली, एनामुल हक समेत 16 लोगों ने मिलकर जमीन पर अवैध रुप से कब्जा कर लिया है. उसके बाद पीड़िता ने जमीन को दखलमुक्त कराने के लिये बीएलआरओ के समक्ष शिकायत की. विभागीय अधिकारियों ने मौके पर जाकर जमीन को अवैध दखल से मुक्त कराया. फिलहाल उस जमीन को लेकर स्थगनादेश कायम है. आरोप है कि कई रोज पहले आरोपियों ने फिर से जमीन पर टिन का घेरा देकर दखल कर लिया है.
जब इस पर आपत्ति की गयी तो आरोपियों ने पीड़ितों से मारपीट के अलावा महिला को अपमानित भी किया. उसके बाद महिला कुशमंडी थाने गयी. शुरु में थाने के अधिकारी ने शिकायत दर्ज करने से इंकार किया लेकिन काफी मिन्नत करने के बाद शिकायत दर्ज हुई. लेकिन पुलिस ने इस मामले में किसी तरह की जमीनी कार्रवाई नहीं की. नतीजा है कि आज भी वह जमीन आरोपियों के अवैध कब्जे में है.
यहां तक कि खैरुन नेशा ने एसपी और डीएम के समक्ष भी लिखित शिकायत दर्ज कराकर इंसाफ की गुहार लगायी है. लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. उसके बाद ही बीते 29 दिसंबर को फिरोज ने डीएम कार्यालय में जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी. फिरोज ने बताया कि वह एक बार फिर से अवसाद से गुजर रहा है.
उसके पास इसके सिवा कोई अन्य उपाय नहीं दिखता कि वह फिर से जहर खाकर आत्महत्या कर ले. शायद उसके मरने के बाद प्रशासन की आंख खुले. आरोप है कि मोहम्मद अली दुबई में रहता है और उसकी माली हालत काफी बेहतर है. इसलिये उसने रिश्वत देकर पुलिस प्रशासन को मिला रखा है. इसीलिये उसे न्याय नहीं मिल रहा है.