दार्जिलिंग: गोरखाओं की एकता दिखाने के लिए आयोजित संसद चलो अभियान में देशभर के गोरखा हिस्सा लेने जा रहे हैं. इसे लेकर दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में भी तैयारी तेज हो गयी है. गोरखालैंड संयुक्त संघर्ष समिति ने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग से भारत सरकार को अवगत कराने के लिए आगामी 24 नवंबर को संसद चलो अभियान कार्यक्रम लिया है. इसमें देश के विभिन्न प्रांतों के गोरखाओं के संगठनों, संस्थाओं व राजनैतिक दलों से शामिल होने का आह्वान किया गया है.
दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के दूसरे सबसे ताकतवर राजनैतिक दल गोरामुमो ने इसमें हिस्सा लेने का निर्णय लिया है. गोरामुमो प्रवक्ता नीरज जिम्बा ने बताया कि उसकी दिल्ली शाखा इस आयोजन के लिए पहले से सक्रिय है. 24 नवंबर के कार्यक्रम में पहाड़ से भी पार्टी के केंद्रीय प्रतिनिधि जायेंगे. जल्दी ही यहां से जानेवालों के नामों की घोषणा कर दी जायेगी.
इसी तरह से जन आंदोलन पार्टी (जाप) के प्रमुख डॉ हर्क बहादुर छेत्री से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि जाप ने भी गोरखालैंड की मांग से केंद्र सरकार को अवगत कराने के लिए संसद चलो कार्यक्रम बनाया था, लेकिन इसी बीच जीएसएसएस ने कार्यक्रम की घोषणा कर दी. हम लोगों ने भी इसमें हिस्सा लेने का निर्णय लिया है. हमारे पक्ष से कितने समर्थक एवं प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, यह दो-चार दिनों के भीतर तय किया जायेगा.
भारतीय गोरखा परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखमन मोक्तान से सम्पर्क करने पर उन्होंने कहा कि भागोप के पक्ष से 100-200 समर्थक शामिल होंगे. इसके लिए आगामी 22 नवंबर को दिल्ली प्रस्थान करने की योजना है. वहीं क्रामाकपा पहले से ही इस कार्यक्रम में पार्टी प्रमुख आरवी राई के नेतृत्व में हिस्सा लेने की घोषणा कर चुकी है. इधर, गोजमुमो (विनय गुट) के वरिष्ठ कार्यकर्ता अनित थापा से संपर्क करने पर उन्होंने जीएसएसएस से अभी तक बुलावा नहीं आने की जानकारी दी.