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रणनीति: पंचायत चुनाव से पहले वामपंथियों ने झोंकी ताकत, सिलीगुड़ी में शक्ति प्रदर्शन

सिलीगुड़ी: बंगाल में हाल ही में होनेवाले पंचायत चुनाव से ठीक पहले वामपंथियों ने ताकत झोंक दी है. इसी के मद्देनजर बुधवार को पूरे उत्तर बंगाल के विभिन्न शहरों, कस्बों, गांवों से हजारों की तादाद में कॉमरेड सिलीगुड़ी पहुंचे और यहां शक्ति प्रदर्शन किया. ममता और मोदी सरकार के विरुद्ध 15 सूत्री मांगों को लेकर […]

सिलीगुड़ी: बंगाल में हाल ही में होनेवाले पंचायत चुनाव से ठीक पहले वामपंथियों ने ताकत झोंक दी है. इसी के मद्देनजर बुधवार को पूरे उत्तर बंगाल के विभिन्न शहरों, कस्बों, गांवों से हजारों की तादाद में कॉमरेड सिलीगुड़ी पहुंचे और यहां शक्ति प्रदर्शन किया. ममता और मोदी सरकार के विरुद्ध 15 सूत्री मांगों को लेकर वाममोर्चा प्रायोजित बंगाल प्लेटफॉर्म ऑफ मास आर्गनाइजेशन (बीपीएमओ) के बैनर तले बीते महीने 22 अक्टूबर को मालदा और 29 अक्टूबर को कूचबिहार से शुरु जिले भर की पदयात्रा आज सिलीगुड़ी पहुंचकर महारैली में तब्दील हो गयी. सिलीगुड़ी में महानंदा नदी के किनारे लाल मोहन मौलिक निरंजन घाट से तकरीबन सात हजार से भी अधिक कॉमरेड इस महारैली के जरिये शहर की पदयात्रा पर निकले.

इस दौरान पूरा शहर लाल पताकों से ‘लाल-ए-लाल’ हो उठा. माकपा के लोकसभा सांसद (रायगंज) मोहम्मद सलीम, सिलीगुड़ी के विधायक सह मेयर अशोक भट्टाचार्य, बीपीएमओ के दार्जिलिंग जिला इकाई के संयुक्त संयोजक माकपा के भूतपूर्व राज्यसभा सांसद सह सीटू नेता समन पाठक, झरेन राय, सिलीगुड़ी नगर निगम के चेयरमैन दिलीप सिंह, डिप्टी मेयर रामभजन महतो, एमआइसी मुंशी नुरुल इस्लाम, शंकर घोष, सीपीआइ के वरिष्ठ नेता उज्जवल घोष, गौतम घोष समेत वाम मोर्चा के सभी घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं के अगुवायी में यह महारैली महानंदा के तट से शुरु हुई और एयरव्यू मोड़, हिलकार्ट रोड, हाशमी चौक, कचहरी रोड होते हुए बाघाजतीन पार्क पहुंचकर समाप्त हुई. इस दौरान प्रदर्शनकारी कॉमरेडों ने चोर पकड़ो, जेल भरो, 200 करोड़ रुपया बरामद करो, ममता हटाओ बंगाल बचाओ, मोदी हटाओ देश बचाओ जैसे तख्ती, पोस्टरों के जरिये जमकर नारा भी लगाया.

वाम नेताओं ने ममता-मोदी को फटकारा
महारैली से पहले महानंदा के तट पर वाम मोर्चा की जनसभा को संबोधित करते हुए वाम नेताओं ने राज्य और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर ममता बनर्जी तभा नरेंद्र मोदी दोनों को कोसा. माकपा के लोकसभा सांसद मोहम्मद सलीम ने ममता पर डेंगू को लेकर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि ममता ने सभी सरकारी, गैर-सरकारी अस्पतालों व सभी लैबों को डेंगू मरीजों के खून जांच के बाद टेस्ट रिपोर्ट गलत देने और डेंगू का आंकड़ा छुपाने का निर्देश दिया है.

डेंगू से पीड़ित मरीजों को अब ममता सरकार अज्ञात बुखार का नाम दे रही है. वहीं, सिलीगुड़ी नगर निगम में वाम मोर्चा की बोर्ड होने के वजह से डेंगू से मुकाबले के लिए राज्य सरकार से फंड सीधे निगम को न भेजकर एसजेडीए के हवाले किया गया. सलीम ने ममता को राजनीति का पाठ पढ़ाते हुए कम से कम रोग और स्वास्थ्य को लेकर गंदी राजनीति न करके डेंगू से सभी राजनैतिक पार्टियों को साथ लेकर मुकाबला करने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने ममता को मुंबई के बदले बंगाल में बचेखुचे उद्योग को बचाने की नसीहत दी.

पर्यटन, चाय व जूट उद्योग पर संकट
वाम नेताओं ने कहा कि ममता सरकार में पर्यटन उद्योग, चाय उद्योग, जूट उद्योग, चीनी उद्योग जैसे अन्य उद्योगों पर ग्रहण लगा हुआ है. सरकारी उदासीनता के वजह से ही इन उद्योगों के अस्तित्व पर ही अब संकट का बादल मंडरा रहा है. चाय श्रमिक हो या फिर अन्य उद्योगों से जुड़े श्रमिक की हालत अन्य राज्यों के अपेक्षा बंगाल में काफी खस्ता है. मोहम्मद सलीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी जमकर हमला किया. उन्होंने मोदी पर वादा खिलाफी और झूठा प्रधानमंत्री होने का ठप्पा लगाया.

उनका कहना है कि सत्ता में आने से पहले मोदी ने देश की भोली-भाली जनता से प्रत्येक वर्ष दो करोड़ नवयुवकों को नौकरी देने का वादा किया. साढ़े तीन साल के शासन में सात लाख युवाओं की भी नौकरी नहीं हुई. किसान हितैसी सरकार होने का वादा किया. जबकि मोदी सरकार में ही केवल एक वर्ष के दौरान ही पूरे देश में 12 हजार से भी अधिक किसानों और खेतमजदूरों के आत्महत्या करने का सबसे अधिक रिकार्ड मामले की पुष्टि हुई. मात्र एक वर्ष में ही संगठित और असंगठित क्षेत्रों के उद्योगों से 96 लाख से भी अधिक श्रमजीवियों को नौकरी से अचानक हटाकर बेरोजगार कर दिया गया. अन्य मुद्दों पर भी उन्होंने ममता-मोदी पर जमकर हमला बोला.

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