सिलीगुड़ी : राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की टीम ने सुपारी तस्करी का एक बड़ा जखीरा जब्त किया है. इस अभियान में चार तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है. शनिवार को सिलीगुड़ी जिला अदालत में इन सभी की पेशी हुयी. चारों तस्कर आंध्र प्रदेश के निवासी हैं. जब्त सुपारी की कीमत 1 करोड़ 20 लाख 50 हजार रुपये आंकी गयी है. सुपारी को महाराष्ट्र स्थित किसी नामी गुटखा कंपनी तक पहुंचाना था.
उल्लेखनीय है कि सुपारी तस्करी के लिये सिलीगुड़ी स्वर्ग जैसा है. तस्कर सिलीगुड़ी को एक ट्रांजिट प्वाइंट के रुप में इस्तेमाल करते हैं. पिछले लंबे समय से तराई-डुआर्स सहित पड़ोसी राज्य असम व केंद्र शासित प्रदेश म्यांमार से सुपारी सिलीगुड़ी के रास्ते महाराष्ट्र तक पहुंचाया जा रहा है. अब तो अधिक लाभ कमाने के लिये तस्कर इंडोनेशिया तक पहुंच गये हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीआरआई द्वार जब्त सुपारी इंडोनेशिया की है.
काफी कम कीमत पर इंडोनेशिया से सुपारी खरीदकर म्यांमार होते हुए असम लाया गया. उसके बाद सिलीगुड़ी के रास्ते महाराष्ट्र के नागपुर स्थित एक गुटखा कंपनी में इसको पहुंचाया जाना था. डीआरआई को इसकी पहले से ही सूचना मिल गयी थी. उसके बाद सिलीगुड़ी के निकट फांसीदेवा अंतर्गत ग्वालटोली इलाके से दो ट्रक सुपारी जब्त कर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार तस्करों के नाम नागेंद्र बाबू मुक्कु, वेंकट स्वामी, वेंकटेश्वर के व टी रामू है. ये चारो आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के रहने वाले हैं. इसके पहले भी कई बार यह लोगा इस रास्ते से सुपारी की तस्करी कर चुके हैं.
डीआरआई के वकील रतन बनिक ने बताया कि शुक्रवार की देर रात फांसीदेवा के ग्वालटोली इलाके से दो ट्रक सुपारी जब्त किया गया है. चार तस्करों की गिरफ्तारी भी हुयी. आरोपियों को शनिवार सिलीगुड़ी जिला एसीजेएम अदालत में पेश कर दिया गया है. चारों आंध्र प्रदेश के निवासी है. दो ट्रकों से कुल 39 टन सुपारी जब्त हुआ है. जिसकी बाजार कीमत 1 करोड़ 20 लाख 50 हजार रूपये है. सुपारी को विशेष प्रकार की बोरियों में काफी उन्नत तरीके से पैकिंग कर रखा गया है. सभी बोरियों पर म्यांमार का ठप्पा लगा हुआ है. पूछताछ में आरोपियों ने महाराष्ट्र के नागपुर स्थित एक गुटखा कंपनी में डिलीवरी की बात स्वीकार की है.