कोलकाता: वैसे तो इस पृथ्वी पर अजूबों की कोई कमी नहीं है, पर इन अजूबों में सात ऐसे अजूबे हैं, जिन्हें दुनिया भर के विशेषज्ञों ने सदियों से सबसे लाजवाब पाया है. इसलिए इनकी गिनती दुनिया के सबसे लाजवाब, बेहतरीन व शानदार अजूबों में होती है. पहले इस तालिका में अर्टेमिस का मंदिर, एलेक्जेंड्रिया का रौशनीघर, आलिंपिया में जियस की मूर्ति, गीजा के पिरामिड, बेबीलोन के झूलते हुए बाग, माउसोसल का मकबरा व रोडेस की विशाल मूर्ति का नाम था, पर अब तालिका में शामिल अजूबे बदल गये हैं.
अब ब्राजील की राजधानी रियो डि जनेरो स्थित क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा, रोम का कोलोसियम, चीन की विशाल दीवार, मेक्सिको का चीचेन इट्जा, आगरा स्थित ताजमहल, जॉर्डन स्थित लॉस्ट सिटी ऑफ पेट्रा एवं पेरू स्थित माचू पिच्चू को दुनिया के सात अजूबों के रूप में जाना जाता है.
दुनिया के सात अजूूबों में शुमार इन स्थानों व इमारतों को देखने की ख्वाहिश तो हर किसी के दिल में है, पर इसे देेखना हर के लिए संभव नहीं है. यह अजूबे दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हैं, जिन्हें देखने के लिए भारी धन-दौलत की जरूरत है. इसलिए केवल धनी लोग ही दुनिया के इन सात अजूबों की सैर का लुत्फ उठा सकते हैं.
लेकिन सात अजूबों को देखने की ख्वाहिश रखनेवालों को अब आैर मायूस होने की जरूरत नहीं है आैर न ही इन्हें देखने के लिए बहुत अमीर होना जरूरी है आैर न ही इन्हें देखने के लिए विभिन्न महाद्वीपों की उड़ान भरने की जरूरत है, क्योंकि चंद ही दिनों में ये सात अजूबे कोलकाता में हाजिर होनेवाले हैं. जिन्हें लोग कभी भी देख सकते हैं. आप समझ रहेंगे कि आपको बेवकूफ बनाया जा रहा है, पर ऐसी बात नहीं है. अगर आपके पास समय है, तो आप भी अपने परिवार के साथ दुनिया के सात अजूबों काे साक्षात अपनी आंखों से इसी शहर में देख सकते हैं. इसके लिए आपको केवल न्यूटाउन स्थित ईको पार्क तक जाना होगा. जहां लैंड ऑफ सेवन वंडर्स में दुनिया के इन सातों अजूबों को तैयार किया जा रहा है.
दुर्गापूजा से पहले सात अजूबों की यह धरती आम लोगों के लिए खोल दी जायेगी. जहां प्रवेश करते ही सबसे पहली नजर क्राइस्ट डि रिडिमर की विशाल प्रतिमा पर पड़ेगी. जो अपने दोनों हाथ पसारे दर्शकों का लैंड ऑफ सेवन वंडर्स में स्वागत कर रही है. थोड़ी देर चलने पर ही इटली के विख्यात कोलोसियम पर नजर पड़ेगी. इसके अंदर प्रवेश करने पर पता चलेगा कि उस वक्त के लोग किस तरह इस विशाल स्टेडियम में बैठ कर ग्लेडिएटर्स की लड़ाई का मजा उठाते थे.
पास में ही स्थित चीन की विशाल दीवार व मेक्सिको के चिचेन इट्जा की सैर लोगों को एक दूसरी दुनिया में पहुंचा देगी. सामने ही आगरा का ताजमहल व उसके पास से बह रही यमुना नदी का नजारा देख कर दर्शक कुछ पल के लिए आश्चर्य में पड़ जायेंगे. जॉर्डन स्थित लॉस्ट सिटी ऑफ पेट्रा व पेरू स्थित माचू पिच्चू को देखना हर किसी के लिए एक सुखद आश्चर्य व अनुभव साबित होगा.
इको पार्क के चार नंबर गेट के सामने तीन एकड़ जमीन पर सात अजूबों की धरती के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. इसे लैंड ऑफ सेवन वंडर्स का नाम दिया गया है. उम्मीद है कि दुर्गापूजा से पहले इसके दरवाजे दर्शकों के लिए खोल दिये जायेंगे. पर इसे देखने के लिए टिकट लेना पड़ेगा. चीन के शहरी बेजिंग स्थित वर्ल्ड पार्क की तर्ज पर लैंड ऑफ सेवन वंडर्स तैयार किया जा रहा है. पर आकार के मामले में दोनों के बीच जमीन-आसामान का फर्क है. जहां वर्ल्ड पार्क 115 एकड़ से अधिक इलाके पर फैला हुआ है आैर उसे पूरी तरह देखने के लिए ट्रेन से सफर करना पड़ता है. वहीं लैंड ऑफ सेवन वंडर्स केवल तीन एकड़ भूमि पर तैयार हो रहा है. इस वजह से लोग पैदल चल कर ही सातों अजूूबों की सैर कर सकते हैं. पर उम्रदराज लोग ताजमहल से चीन की दीवार तक जाने के लिए इको पार्क के टॉय ट्रेन पर सफर कर सकते हैं.
दुनिया के सात अजूूूूबों में शामिल ताजमहल, चीन की दीवार, ब्राजील की क्राइस्ट डि रिडिमार, इटली का कोलोसियम, जॉर्डन का लॉस्ट सिटी ऑफ पेट्रा, गीजा का पिरामिड, मैक्सिको का चिचेन इट्जा, पेरू का माचु पिच्चू की प्रतिकृतियां तो यहां रहेंगी ही, साथ ही लोग इटली के लिनिंग टावर ऑफ पीसा एवं अमेरिका के टावर ब्रिज को भी देख पायेंगे. यहां आनेवाले दर्शकों को दुनिया के सात अजूबों के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराने के लिए लैंड ऑफ सेवन वंडर्स में गाइड भी मौजूद रहेंगे, जो लोगों को इन अजूबों से संबंधित जरूरी बातें व कहानियां बतायेंगे. पर दुनिया के सात अजूबों को देखने के लिए फिलहाल कुछ आैर दिन इंतजार करना होगा.