कोलकाता. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. केंद्र सरकार ने व्यापारियों से 31 मार्च तक इसमें रजिस्ट्रेशन कराने की अंतिम तिथि घोषित की है. इसके लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क भवन में विशेष सेवा केंद्र खोले गये हैं. ये बातें केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की ओर से सांइस सिटी में आयोजित ‘आउटरीच सेमिनार’ में केंद्रीय उत्पाद आयुक्त आरके शर्मा ने कहीं.
उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से व्यवसायियों में जीएसटी को लेकर फैले भ्रम को दूर करने के लिए रेडियो जिंगल, एसएमएस, ईमेल आदि के अलावा आउटरीच कैंपेन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया काफी सरल है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से 10 लाख तक का व्यवसाय करनेवाले पुराने सेल टैक्स व वैट नंबर के स्थान पर जीएसटीएन से जुड़ कर नया नंबर प्राप्त कर सकते हैं जिससे उनको पूरे भारत में व्यापार करने में सुविधा होगी.
अब तक पश्चिम बंगाल, सिक्किम व अंडमान निकोबार में 26.7 फीसदी लोगों ने अाॅनलाइन जीएसटी में माइग्रेशन कर लिया है. पश्चिम बंगाल में 88201 में से 42820 लोग जीएसटीएन प्लेटफार्म पर आ चुके हैं. सरकार की ओर से इसका ट्रायल रन भी पूरा हाे चुका है. अगले वित्तीय वर्ष से जीएसटी अपनाने वालों को रिफंड की भी सुविधा मिल सकेगी.
इसके साथ ही जो लोग तय समय सीमा में निबंधन नहीं करा सकते हैं उनके लिए अगले छह माह तक उनको अस्थायी रूप से निबंधन की सुविधा मिलेगी, लेकिन बाद में उन्हें डिजिटल हस्ताक्षर व अन्य कागजात जमा कराने होंगे. इस अवसर पर उनके साथ मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य आयुक्त सर्विस टैक्स एसके पांडा, प्रधान आयकर आयुक्त पश्चिम बंगाल व सिक्किम केएल माहेश्वरी, पश्चिम बंगाल की वैट कमिश्नर स्मृति महापात्रा, रिजर्व बैंक की महाप्रबंधक डिंपल भंडिया, केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त बीके मल्लिक, सीआइआई के पूर्वी क्षेत्र के चेयरमैन व टीटागढ़ वैगन के एमडी उमेश चौधरी, केंद्रीय उत्पाद शुल्क आयुक्त श्रीराम विशनोई आदि उपस्थित थे.