मालदा: गौड़ बंग विश्वविद्यालय में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए और भी अधिक कोशिश करने की अपील राज्य के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने की है. वह यहां विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. इससे पहले 10 दिसंबर 2015 को हुए प्रथम दीक्षांत समारोह में भी श्री त्रिपाठी शामिल हुए थे. बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे गौड़ बंग विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह की शुरुआत हुई. कॉलेज निरीक्षक अपूर्व चक्रवर्ती ने कार्यक्रम का संचालन किया.
इस बीच, राज्यपाल के हाथों डिग्री नहीं मिलने से शोध के कई विद्यार्थी निराश दिखे. राज्यपाल ने सिर्फ डी-लिट तथा डीएससी की उपाधि कई छात्र-छात्राओं को दी और मंच से चले गये. इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में इंडियन काउंसिल फॉर हिस्टोरिकल रिसर्च के चेयरमैन सुदर्शन राव भी उपस्थित थे.
चांसलर तथा राज्यपाल श्री त्रिपाठी ने आज के समारोह में प्रख्यात गायक तथा संगीतकार द्विजेन मुखर्जी को डी-लिट की उपाधि दी. इसके अलावा संस्कृत के अध्यापक तथा बंगीय संस्कृत परिषद के सचिव प्रणव राय को भी ली-लिट की उपाधि दी गयी. राज्यपाल के हाथों अमिताभ राय चौधरी ने डीएससी की डिग्री ली. समारोह शुरू होने से पहले वाइस चांसलर गोपालचंद्र मिश्र ने राज्यपाल का स्वागत किया. समारोह को संबोधित करते हुए श्री मिश्र ने कहा कि पहली बार दीक्षांत समारोह में जब राज्यपाल आये थे तब उन्होंने गौड़ बंग विश्वविद्यालय के आधुनिकीकरण तथा खाली पदों को भरने के लिए कहा था. उनके इस परामर्श को पूरा किया गया है. इस विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी साइंस सहित कई नये कोर्स की शुरूआत की गयी है. सभी लोग मिलकर इस विश्वविद्यालय की गुणवत्ता लगातार आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं. मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सुदर्शन राव ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक देश ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है.
उसके बाद भी थोड़ी कमी रह गयी है. इतिहास का सम्मान रखते हुए सनातन शिक्षा की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है. राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने भी कहा कि गौड़ बंग विश्वविद्यालय ने भी काफी प्रयत्न की है. केन्द्र सरकार से मिले पैसे का उपयोग कर विश्वविद्यालय ने तरक्की की है. परीक्षा परिणाम त्रुटिपूर्ण होते हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने आज यहां से डिग्री हासिल की है, उन्हें आने वाले दिनों में किसी भी चैलेंज का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. यहां की शिक्षा से वह किसी भी प्रकार के चैलेंज का सामना कर सकते हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षिकाओं से भी बच्चों को पढ़ाने में पूरा ध्यान देने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यह नया विश्वविद्यालय है. जाहिर है कि यहां थोड़ी-बहुत कमी है. आने वाले दिनों में इन कमियों को दूर किये जाने की कोशिश की जायेगी.