काफी पहले इस इमारत में प्रवेश करने के दो रास्ते हुआ करते थे. लेकिन बहुत पहले ही प्रवेश करने के दूसरे रास्ते को बंद कर वहां दुकानें खोल दी गयीं. तब से लेकर अब तक इस इमारत में आवाजाही का सिर्फ एक रास्ता ही बच गया. यहां रहनेवाले व व्यापार करनेवाले लोग सिर्फ मेन गेट से ही आवाजाही करते हैं. पूरी इमारत में लेदर बैग, प्लास्टिक की कुर्सी, सॉफ्ट टॉय, प्लास्टिक के ब्लैंकेट, प्लास्टिक के चेयर, लेडिस बैग व अन्य सामान के तकरीबन 75 से अधिक दुकान व उनका गोदाम अंदर मौजूद हैं.
काफी मशक्कत के बाद उन्हें दमकल की सीढ़ियों की मदद से दूसरे इमारत की छत से सुरक्षित बाहर निकाला गया. व्यापारिक केंद्र होने के बावजूद इस इमारत में अग्निशमन की कोई व्यवस्था मौजूद नहीं थी. इसके कारण जब आग लगी, तो शुरुआत में उसे फैलने से रोकने का कोई रास्ता नहीं सूझा. लोगों ने आसपास के घरों व दुकान से पानी फेंककर आग बुझाने की कोशिश की. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.