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पान-गुटखा के पिक से निगम भवन का बिगड़ रहा सौंदर्य
निगम मुख्यालय महानगर की 15 हेरिटेज इमारतों में है शामिल शिव राउत कोलकाता : कोलकाता नगर निगम की इमारत 1876 में बनी थी. निगम मुख्यालय महानगर की 15 हेरिटेज इमारतों में से एक है. 150 साल से भी अधिक पुरानी इस इमारत में लोग गंदगी फैलाने से बाज नहीं आते हैं. निगम परिसर में धूम्रपान […]
निगम मुख्यालय महानगर की 15 हेरिटेज इमारतों में है शामिल
शिव राउत
कोलकाता : कोलकाता नगर निगम की इमारत 1876 में बनी थी. निगम मुख्यालय महानगर की 15 हेरिटेज इमारतों में से एक है. 150 साल से भी अधिक पुरानी इस इमारत में लोग गंदगी फैलाने से बाज नहीं आते हैं. निगम परिसर में धूम्रपान पर प्रतिबंध है, लेकिन पान-गुटखा पर पाबंदी नहीं है. इसका लोग गलत फायदा उठा रहे हैं. पान-गुटखा खाकर इमारत की दीवार पर, कोने में या जहां-तहां थूक देते हैं. इससे उक्त हेरिटेज इमारत का सौंदर्य बिगड़ रहा है. निगम के मुख्य प्रवेश द्वार और सिंह द्वारा को छोड़ कर अन्य सभी द्वारों की दीवारें पान-गुटखा के पिक से रंगी दिखेंगी. दीवारों पर जहां-तहां थूकने से उसके ढहने का तोभय नहीं है, लेकिन लोगों की इस करतूत से उसकी खूबसूरती बिगड़ रही है. आम लोगों को भी जागरूक होना चाहिए.
मेयर कक्ष के बाहर भी थूकते हैं लोग : निगम स्थित मेयर शोभन चटर्जी के चेंबर के बाहर बारामदे के पास की दीवारों पर भी लोग थूकने से बाज नहीं आते. मेयर के चेंबर के बाहर लोग बेरोक-टोक थूक रहे हैं. इस विषय में हमने ज्यादा जानने के लिए सिविल इंजीनियर मानसी नस्कर से बात की. उन्होंने हमें बताया कि थूकने से दीवार के रंग प्रभावित होते हैं. इसे कैमिकल के बैगर पानी से ही साफ किया जा सकता है. साफ नहीं किये जाने पर इस पर दोबारा पेंट करने पर दूसरा रंग नहीं चढ़ता है. इसकी वजह से इमारत का सौंदर्य प्रभावित होता है. हेरिटेज इमारतों पर इस तरह थूकना और उसे गंदा करना बिल्कुल गलत है.
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