इस संगठन की नेता रूपाली घरामी ने बताया है कि दार्जिलिंग जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में करीब 500 नर्से अस्थायी तौर पर ठेके के आधार पर काम कर रही हैं. नर्सों को तमाम तरह की जिम्मेदारियां उठानी पड़ती है, लेकिन सरकारी सुविधाएं नहीं के बरामद दी जाती है. राज्य सरकार के स्थायी नर्सों के मुकाबले काफी कम तनख्वाह पर उन्हें काम करना पड़ता है.
आज के ज्ञापन में सीएमओएच से समान काम समान वेतन देने की मांग भी की गई है. रूपाल घरामी ने आगे कहा कि पीएफ, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा आदि की सुविधाओं से भी वह सभी वंचित हैं. राज्य सरकार से सभी अस्थायी नर्सों को स्थायी करने के साथ ही मातृत्व अवकाश 180 दिन देने की मांग भी की गई है. इसके साथ ही स्थायी नर्सों की तरह ही आपसी तालमेल से स्थानांतरण की सुविधा देने की मांग भी सीएमओएच से की गई है.