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पहल: कालिम्पोंग बना राज्य का 21वां जिला, ममता ने कहा, पहाड़ पर अशांति बरदाश्त नहीं

कालिम्पोंग (दार्जिलिंग). पहाड़ पर किसी भी प्रकार की अशांति बरदाश्त नहीं की जायेगी. राज्य सरकार पहाड़ का विकास करना चाहती है और अशांति फैलाकर जो लोग भी विकास में बाधक बनेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ इसी अंदाज में विरोधियों को चेताया. उन्होंने हालांकि इस दौरान किसी […]

कालिम्पोंग (दार्जिलिंग). पहाड़ पर किसी भी प्रकार की अशांति बरदाश्त नहीं की जायेगी. राज्य सरकार पहाड़ का विकास करना चाहती है और अशांति फैलाकर जो लोग भी विकास में बाधक बनेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ इसी अंदाज में विरोधियों को चेताया. उन्होंने हालांकि इस दौरान किसी भी पार्टी का नाम नहीं लिया. लेकिन उनका इशारा मुख्य रूप से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग कर रहे गोजमुमो की ओर था.

ममता बनर्जी ने मंगलवार को कालिम्पोंग को अलग जिला बनाने की घोषणा की. कालिम्पोंग राज्य का 21वां जिला बन गया है. इस अवसर पर मेला ग्राउंड में आयोजित एक समारोह को वह संबोधित कर रही थीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग उनके साथ राजनीतिक मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं, यही वजह है कि वह लोग पहाड़ पर गड़बड़ी फैलाने की फिराक में लगे रहते हैं. ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि आग लगाने से विकास नहीं होता है.

विकास के लिए सभी को एक साथ मिलकर काम करना होगा और पहाड़ पर शांति व्यवस्था बनाकर रखनी होगी. उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ता में आने के बाद से ही तृणमूल सरकार पहाड़ के विकास के लिए सचेष्ट है. पहाड़ के विकास के लिए ही जीटीए का गठन किया गया और अब कालिम्पोंग को अलग जिला बनाया गया है.

इससे कालिम्पोंग तथा इसके आसपास के इलाकों का तेजी से विकास होगा. उन्होंने जीटीए को भी पहाड़ के विकास की नसीहत दी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में अलग-अलग जाति के लिए विकास बोर्ड बनाने के अपने फैसले का भी समर्थन किया. यहां उल्लेखनीय है कि दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में विभिन्न जातियों के लिए ममता बनर्जी ने करीब एक दर्जन विकास बोर्ड का गठन किया है. उनके इस फैसले पर गोजमुमो की ओर से बांटो और राज करो की नीति अपनाने के आरोप लगाये जाते हैं.

मेला ग्राउंड से ममता बनर्जी ने अलग विकास बोर्ड बनाने के निर्णय को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि सभी जाति को अपनी पहचान और संस्कृति बचाये रखना है. वह लेप्चा, तामांग, राई आदि बोर्ड बनाकर तमाम जातियों की पहचान और संस्कृति को बनाये रखना चाहती हैं. इससे न केवल इन जातियों की पहचान और संस्कृति बनी रहेगी, बल्कि इनका विकास भी होगा. इसी बात को ध्यान में रखकर विकास बोर्ड बनाये गये हैं. ममता ने आगे कहा कि उत्तर बंगाल में अलीपुरद्वार को जिला बनाये जाने के बाद कालिम्पोंग को नया जिला बनाया गया है. धीरे-धीरे यहां के ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिए वह कारगर कदम उठायेंगी. दार्जिलिंग के साथ ही कालिम्पोंग की भी अपनी अलग पहचान होनी चाहिए. वह चाहती हैं कि लोग दार्जिलिंग के साथ-साथ कालिम्पोंग भी आयें. उन्होंने कालिम्पोंग क्षेत्र में पानी की समस्या दूर करने का भी आश्वासन दिया. इसके लिए उन्होंने पीएचइ को विशेष योजना बनाने के लिए भी कहा है. ममता बनर्जी ने आगे कहा कि राज्य में सत्ता में आने के बाद से उन्होंने पहाड़ पर काफी काम किया है. अभी भी काफी कम करना जरूरी है. पहाड़ पर तमाम तरह के उद्योग लगने चाहिए. कालिम्पोंग का ऑर्किड पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यहां विकास की काफी संभावनाएं हैं. लेकिन विकास तभी संभव है जब सभी लोग मिलजुल कर रहे. विकास आग लगाने से नहीं, बल्कि मिलजुलकर साथ रहने से होगा.
सिल्क रूट के लिए 220 करोड़
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कालिम्पोंग से सिक्किम तक सिल्क रूट बनाने के लिए 220 करोड़ रुपये आवंटित करने की भी घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने और भी कई विकास योजनाओं का शिलान्यास किया.
नये डीएम और एसपी ने संभाला पदभार
नया जिला बनने के साथ ही कालिम्पोंग के नये जिला अधिकारी (डीएम) तथा पुलिस अधीक्षक (एसपी) की नियुक्ति कर दी गयी है.डॉ विश्वनाथ कालिम्पोंग के पहले डीएम होंगे. जबकि अजीत सिंह यादव को जिले का पहला एसपी बनाया गया है. दोनों ने आज से ही अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है.फिलहाल एसडीओ कार्यालय को डीएम कार्यालय और एएसपी कार्यालय को एसपी कार्यालय बना दिया गया है.

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