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गंगासागर: भगदड़ में मरनेवालों की संख्या हुई आठ
कोलकाता. गंगासागर के कचुबेड़िया में 15 जनवरी को मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़ कर आठ हो गयी है. हालांकि घटना के दो दिन बाद भी राज्य सरकार ने अाधिकारिक रूप से मृतकों व घायलों की सूची जारी नहीं की है. इसे लेकर पीड़ितों के परिजन काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि […]
कोलकाता. गंगासागर के कचुबेड़िया में 15 जनवरी को मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़ कर आठ हो गयी है. हालांकि घटना के दो दिन बाद भी राज्य सरकार ने अाधिकारिक रूप से मृतकों व घायलों की सूची जारी नहीं की है. इसे लेकर पीड़ितों के परिजन काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि उन्हें अब तक यह नहीं पता चल पा रहा है कि उनके घर के सदस्य लापता हैं, वह कहां हैं. दूसरी तरफ शिविरों से गये तीर्थयात्रियों की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से समाजसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता भी परेशान हैं. वे लापता लोगों के बारे में सही जानकारी नहीं दे पा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, इस घटना में घायल लोगों को काकद्वीप सब डिवीजनल अस्पताल ले जाया गया था.
आठ मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सकों ने मौत का प्राथमिक कारण हृदयाघात बताया है. लेकिन परिजनों का कहना है कि किसी एक तीर्थस्थल पर एक साथ इतने लोगों की हृदयाघात से मौत कैसे हो सकती है. राज्य सरकार इतनी बड़ी घटना को शुरू से ही दबाने की कोशिश कर रही है. इसके कारण भगदड़ को शुरुआत से ही ठंड लगने व हृदयाघात से मौत होने का कारण बताया जा रहा है. सरकार की लापरवाही का दूसरा सबसे बड़ा उदाहरण है, अधिकारिक तौर पर मृतकों व घायलों की सूची अब तक जारी नहीं करना. वहीं दूसरी तरफ परिजनों के इन आरोपों को अस्पताल के चिकित्सक भी दबे शब्दों से स्वीकार कर रहे हैं. उनके मुताबिक सरकार के निर्देश का उन्हें पालन करना है. लिहाजा मृतकों की मौत कैसे हुई, इसे लेकर खुल कर वह भी कुछ नहीं बता रहे. अस्पताल के सूत्र बताते हैं कि सभी मृतक बिहार, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र के रहनेवाले थे. इनके पास से मिले पहचान पत्र के आधार पर इनके नाम का पता चला है.
अस्पताल सूत्रों से मिली मृतकों की सूची: मीरा देवी (51), विनोद कुमार (45), कुन्नू राम (70), भागमनि देवी (45), राधिका देवी (44), सावित्री देवी (55), पद्मिनी सूत्र (50) और भगवंती देवी (45).
गंगासागर घटना की हो न्यायिक जांच : भाजपा
उधर, भाजपा ने गंगासागर की घटना की न्यायिक जांच की मांग की है. मंगलवार को भाजपा प्रतिनिधियों ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप की अपील की. राज्यपाल से मिलने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए भगदड़ की घटना में मारे गये लोगों की मौत का कारण हार्टअटैक व ठंड बता रही है. हालांकि, अब तक घटना में जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने नहीं आयी है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट को राज्य सरकार छुपाना चाहती है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घटना में मारे गये लोगों के परिजनों के साथ हैं और उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है, लेकिन राज्य सरकार उनके साथ नहीं है. यहां शराब पीकर मरनेवालों के लिए राज्य सरकार मुआवजा की घोषणा करती है, लेकिन तीर्थयात्रियों का राज्य सरकार सम्मान नहीं करती. मंगलवार को प्रदेश भाजपा की महासचिव देवश्री चौधरी व उपाध्यक्ष मौसमी विश्वास ने घटनास्थल का दौरा किया. पहले उन्होंने काकद्वीप में घायलों से मुलाकात की और उसके बाद कचुबेड़िया में घटनास्थल का जायजा लिया.
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