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कारोबार बढ़ाने के लिए हस्तियों को मुखौटा बनाता था कुंडू
कोलकाता. रोजवैली चिटफंड कंपनी के प्रमुख गौतम कुंडू टॉलीवुड व राजनीतिक हस्तियों को अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए मुखौटा के रूप में इस्तेमाल करता था और इसी कारण ही वह विभिन्न राजनीतिक, प्रशासनिक व बॉलीवुड की हस्तियों को अपने व्यवसाय में शामिल किया था. सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस बाबत […]
कोलकाता. रोजवैली चिटफंड कंपनी के प्रमुख गौतम कुंडू टॉलीवुड व राजनीतिक हस्तियों को अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए मुखौटा के रूप में इस्तेमाल करता था और इसी कारण ही वह विभिन्न राजनीतिक, प्रशासनिक व बॉलीवुड की हस्तियों को अपने व्यवसाय में शामिल किया था. सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस बाबत कुंडू ने सत्तारूढ़ तृणमूल नेताओं के साथ संबंध बनाये थे और उन्हें अपनी सभा में बुलाता था. अखबारों में प्रकाशित खबरों व फोटो के आधार पर आम लोगों के बीच विश्वासनीयता अर्जित करता था. रोजवैली के एजेंट उन्हें ग्राहकों को दिखा कर विश्वास में लेते थे कि इतनी बड़ी हस्ती का रोजवैली पर विश्वास है और उन लोगों का संरक्षण प्राप्त है. ऐसी स्थिति में उनका कुछ भी नहीं हो सकता है और सारधा चिटफंड का खुलासा होने के बाद भी इसी आधार पर आम लोगों के बीच विश्वासनीयता बनाने का प्रयास करता रहा था.
दूसरी ओर, वह विभिन्न निवेश योजनाओं के माध्यम से ग्राहकों को विश्वास दिलाता था कि उनके द्वारा निवेश किया गया पैसे को सोने या रियल्टी के बिजनेस में निवेश किया गया है और इससे प्राप्त आय भी उन्हें रिटर्न किया जायेगा. सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी ने रोजवैली के ग्राहकों को लुभाने की प्रक्रिया का खुलासा करते हुए बताया कि कभी-कभी ग्राहकों को विदेश या भारत के किसी बड़े पर्यटक स्थल में तीन दिन व चार रात किसी होटल में रहने का खर्च उठाने का प्रस्ताव देता था. ग्राहकों को केवल आने-जाने का खर्च वहन करने के लिए कहा जाता था.
ऐसी स्थिति में ग्राहकों का विश्वास और भी बढ़ जाता था कि कंपनी उनके लिए इतना अधिक खर्च कर रही है और कंपनी का विस्तार काफी अधिक है. सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि रोजवैली के कई अधिकारियों से पूछताछ के बाद इन तथ्यों का खुलासा हुआ है.
कुणाल की ओर से आत्महत्या कोशिश का मामला : दो वर्षों बाद चार्जशीट फाइल
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस से बहिष्कृत सांसद कुणाल घोष की आत्महत्या की कोशिश के दो वर्षों बाद पुलिस द्वारा चार्जशीट फाइल की गयी. बैंकशल कोर्ट में कुणाल घोष जब अपने मूल मामले की सुनवाई के लिए पहुंचे, तो अगली सुनवाई दो फरवरी तय की गयी और यहीं उन्हें पता चला कि कोलकाता पुलिस ने उनके खिलाफ आत्महत्या की कोशिश के मामले की चार्जशीट पेश की है. इसकी चार्जशीट श्री घोष को 20 जनवरी को हाजिर होकर कोर्ट से लेनी होगी. श्री घोष ने बताया कि आत्महत्या की कोशिश का यह मामला वर्ष 2014 के 13 नवंबर को हुआ था. उन्होंने कहा था कि सारधा मामले से जुड़े सभी प्रभावशाली लोगों को यदि 72 घंटे में गिरफ्तार नहीं किया जाता है, तो वह आत्महत्या कर लेंगे. बाद में आत्महत्या की कोशिश के बाद उन्हें एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया था. उसी मामले की चार्जशीट पुलिस ने दो वर्षों से अधिक समय बाद जमा की है. यह आश्चर्यजनक है.
माकपा का विधानगर चलो अभियान आज
कोलकाता. रोजवैली चिटफंड घोटाला मामले में केवल छोटे मोहरे, नहीं बल्कि घोटाले में बड़ी भूमिका निभानेवाले आरोपियों की गिरफ्तारी समेत अन्य कई मांगों को लेकर माकपा की ओर से बुधवार को अपराह्न विधाननगर चलो अभियान चलाया जायेगा. अभियान के तहत करूणामयी मोड़ के निकट सभा की जायेगी. इसके पहले तीन जगहों से रैली के माध्यम से माकपा नेता व कार्यकर्ता सभा स्थल पर पहुंचेंगे. इस दौरान माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा, राज्य में वाम मोरचा के चेयरमैन विमान बसु समेत अन्य वरिष्ठ वामपंथी नेताओं व काफी तादाद में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति की संभावना है. माकपा के वरिष्ठ नेता डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि चिटफंड कांड के मूल आरोपियों की गिरफ्तारी काफी जरूरी है. आरोप के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पूरे राज्य की स्थिति विषम है. वामपंथी नेताओं व कार्यकर्ताओं पर हमले जारी हैं. सैकड़ों वामपंथी कार्यकर्ता अभी भी घर छोड़ने को मजबूर हैं. माकपा के प्रस्तावित अभियान में उपरोक्त मसलों का विरोध भी किया जायेगा.
गौतम कुंडू की तबीयत बिगड़ी, पीजी में भरती रोजवैली चिटफंड घोटाला
रोजवैली मामले के आरोपी गौतम कुंडू को सोमवार देर रात सीने में दर्द की शिकायत पर एसएसकेएम (पीजी) अस्पताल में दाखिल कराया गया. अस्पताल में बुडर्वन वार्ड में श्री कुंडू को रखा गया है. जनरल मेडिसिन व कार्डियोलॉजी विभाग के चिकित्सकों की देख-रेख में चिकित्सा चल रही है. मंगलवार को श्री कुंडू की हॉलटर मॉनिटरिंग, इसीजी समेत अन्य जांच की गयी. यह जानकारी अस्पताल के निदेशक प्रो डॉ मंजू बनर्जी ने दी. उन्होंने बताया कि फिलहाल गौतम कुंडू की सेहत ठीक है. जांच में किसी प्रकार की समस्या अब तक नहीं देखी गयी है.
तृणमूल नेता ने दिया था विधानसभा टिकट दिलाने का अाश्वासन
कोलकाता. रोजवैली के प्रमुख गौतम कूंडू राजनीति में अपना चेहरा चमकाना चाहता था. इस बाबत तृणमूल कांग्रेस के आला नेताओं ने उसे आश्वासन भी दिया था कि यदि वह राजनीति में आना चाहते हैं, तो विधानसभा का टिकट उन्हें दिलवाया जायेगा. राजनीति के माध्यम से कुंडू अपने चिटफंड के व्यवसाय का और भी विस्तार करना चाहता था. सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कुंडू को विधानसभा का टिकट दिलाने का आश्वासन देकर उक्त तृणमूल कांग्रेस के नेता ने उससे लाखों रुपये लिये थे, लेकिन कुंडू केवल खुद ही राजनीति में नहीं आना चाहता था, बल्कि अपने अपने करीबी रहीं टॉलीवुड की दो अभिनेत्रियों को भी राजनीति में लाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे थे. इस बारे में उन्होंने नेताओं से बातचीत भी कर ली थी. जांच के दौरान सीबीआइ को पूछताछ के दौरान इस तथ्य का खुलासा हुआ है. वरिष्ठ नेता से आश्वासन मिलने के बाद कूंडू ने तृणमूल नेताओं को रकम का भुगतान करना शुरू कर दिया था. साथ ही इस खुशी में उन्होंने एक पार्टी तक दे डाली थी. उस पार्टी में कई बॉलीवुड की हस्तियां व राजनीतिक हस्तियां शामिल हुई थीं. विधानसभा का टिकट मिले. इस बाबत कुंडू ने बड़ी रकम खर्च की थी. सीबीअाइ अधिकारी का कहना था कि कुंडू का मानना था कि यदि वह राजनीति में कदम रखता है, तो समाज में उसका रुतबा व इज्जत बढ़ेगी. समाज के एक बड़े वर्ग को वह भयभीत भी कर पायेगा तथा राजनीतिज्ञ के रूप में उसका नाम सभी लोग जान पायेंगे. वह विभिन्न कार्यक्रमों में जाकर यह कह पायेगा कि कंपनी की योजनाओं में निवेश करें. कोई डर की बात नहीं है. कुंडू केवल राज्य की राजनीति ही नहीं, बल्कि केंद्र की राजनीति पर निगाह रखे हुए था. सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गौतम कुंडू के सत्तारूढ़ दल के नेताओं के साथ-साथ कुछ विरोधी दल के बड़े नेताओं के साथ भी काफी घनिष्ठ रिश्ते थे. 2011 में सेबी द्वारा रोजवैली को ब्लैक लिस्ट में रखने बाद कुंडू ने राजनीति में कदम रखने का मन बनाया था, क्योंकि उस समय तक उसकी समझ में आ गया था कि यदि चिटफंड का व्यवसाय करना है, तो केंद्रीय वित्त व कंपनी मामलों के मंत्रालय का भरोसा जितना होगा. इस संबंध में उसने अपने करीबी वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श भी किया था.
इस मंत्रालय में कैसे घुसपैठ की जाये, इसकी रणनीति भी बनायी थी तथा मंत्रालय के कई अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत भी करवायी गयी थी. लेकिन इसके साथ ही उन्हें समझाया गया था कि यदि वह राजनीति में आना चाहता है, तो उसे कोई समस्या नहीं होगी.
माकपा व तृणमूल सांसद के बीच जुबानी जंग
कोलकाता. माकपा सांसद मोहम्मद सलीम व तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी राय के बीच जुबानी जंग शुरू हो गयी है और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ विवादित बयान दिये हैं. माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी राय के खिलाफ कटाक्ष करते हुए कहा था कि वह जेल के अंदर तापस पाल व शताब्दी राय की जोड़ी को देखना चाहते हैं. रोजवैली चिटफंड घोटाला मामले में तापस पाल की गिरफ्तारी पर मोहम्मद सलीम ने ऐसा बयान दिया था. उनके इस बयान पर कटाक्ष करते हुए तृणमूल सांसद शताब्दी राय ने कहा कि यह सब गंदी राजनीति है. राज्य की जनता ने ऐसे लाेगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. लोकसभा में मात्र एक हजार वोट से जीतनेवाले की इतनी बड़ी आवाज. उनकी बातों का जवाब देकर समय नष्ट करने से अच्छा है कि हम अपने घर के कुत्ते को समय दें. वहीं, सीबीआइ जांच के संबंध में पूछे जाने पर तृणमूल सांसद शताब्दी राय ने खिल्ली उड़ायी और जवाब दिये बिना अपनी कार में सवार होकर निकली गयीं.
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