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मोदी दें इस्तीफा : ममता

कहा. नोटबंदी से राज्य में 81.5 लाख लोग हुए बेरोजगार देश में बने राष्ट्रीय सरकार : ममता राजस्व में 5500 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान कोलकाता : नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र के साथ तीखी जुबानी जंग में उलझी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग […]

कहा. नोटबंदी से राज्य में 81.5 लाख लोग हुए बेरोजगार

देश में बने राष्ट्रीय सरकार : ममता
राजस्व में 5500 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
कोलकाता : नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र के साथ तीखी जुबानी जंग में उलझी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग की और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली या गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक ‘‘राष्ट्रीय सरकार” बनाने की वकालत की.
नोटबंदी और चिटफंड घोटाले के सिलसिले में अपनी पार्टी के सांसदों की गिरफ्तारी के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ जंग का ऐलान कर चुकी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने ‘‘देश को नरेंद्र मोदी से बचाने की खातिर” राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से दखल देने की मांग की. शुक्रवार को टाउन हॉल में राज्य सरकार के मंत्रियाें व विभागीय अधिकारियों के साथ प्रशासनिक बैठक के बाद संवाददाताओं काे संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों को अपने मतभेद भुलाकर देश बचाने के लिए साथ आना चाहिए.
प्रधानमंत्री पद के लिए आडवाणी, जेटली और राजनाथ के नाम सुझाते हुए उन्होंने कहा कि वक्त आ चुका है कि राष्ट्रपति दखल दें और देश को बचाएं. वह (मोदी) देश की अगुवाई नहीं कर सकते. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. राष्ट्रीय सरकार बननी चाहिए. ममता ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के गुरुवार के उस बयान की तारीफ की जिसमें उन्होंने कहा था कि नोटबंदी से देश में अस्थायी मंदी आ सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कालीदास से तुलना करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह कालीदास के समान हैं,
जिस डाल पर बैठे हैं, उसी को काट रहे हैं. मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि वह भाजपा के सभी नेताओं के खिलाफ नहीं हैं. भाजपा में और भी नेता हैं, जो प्रधानमंत्री बन सकते हैं. लालकृष्ण आडवाणी हो या राजनाथ सिंह या अरुण जेटली, इनमें से भी किसी को प्रधानमंत्री बनाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी देश के राष्ट्रपति ही कुछ कर सकते हैं, क्योंकि देश में ऐसी परिस्थिति आजादी के पहले भी नहीं देखी गयी. सभी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. राजनीतिक स्वार्थ के लिए केंद्रीय एजेंसियों का बुरी तरह से प्रयोग किया जा रहा है, जैसाकि पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले से राज्य सरकार के राजस्व को भी धक्का पहुंचा है. सिर्फ बंगाल में नोटबंदी से सरकार के राजस्व में 5500 कराेड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस संबंध में उनकी सरकार ने सर्वे भी किया कराया है, जिससे चौंकाने वाले रिपोर्ट सामने आये हैं. रिपोर्ट का खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नाेटबंदी के फैसले से बंगाल में 1.70 करोड़ लोगों की नौकरी पर समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ा है, जबकि 81.5 लाख इस फैसले के बाद से बेरोजगार हो गये हैं. साथ ही नोटबंदी से आनेवाले समय में बुरा प्रभाव पड़ेगा और देश में महंगाई भी बढ़ेगी. अभी से ही कई सामानों की कीमतों में वृद्धि हो चुकी है, जो फिलहाल थमनेवाला नहीं है.

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