कोलकाता. पश्चिम बंगाल ज्वाइंट इंटरेंस परीक्षा बोर्ड द्वारा जारी एक अधिसूचना में 23 अप्रैल को होने वाली परीक्षा के बारे में बताया गया है. इसके लिए छात्र पांच जनवरी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. यह जानकारी गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में जेइइ बोर्ड के चैयरमैन मलयेन्दु साहा ने दी.
बताया कि राज्य के विभिन्न संस्थानों में शैक्षिक वर्ष 2017 में इंजीनियरिंग, फार्मेसी, आर्कीटेक्चर में अंडरग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के लिए जेइइ परीक्षा अब एक ही दिन 23 अप्रैल 2017 को होगी. पहले इसका शिड्यूल 22 व 23 अप्रैल को रखा गया था, लेकिन अब यह परीक्षा एक ही दिन होगी. ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि चार फरवरी है. इसमें फीस का भुगतान व कनफरमेशन पेज को छात्र 4 फरवरी के अंदर ही डाउनलोड कर सकते हैं.
बोर्ड के चैयरमेन ने बताया कि इस बार की ज्वाइन्ट एन्ट्रेंस परीक्षा में काफी बदलाव किया गया है. छात्रों को परीक्षा केन्द्र पर ही डॉट पेन वितरित किये जायेंगे. छात्रों को अपना पेन, घड़ी या इलेक्ट्रोनिक्स गैजेट्स लाने के लिए अनुमति नहीं है. यह समस्त जानकारी बोर्ड की वेबसाइट www.wbjeeb.nic.in व www.wbjeeb.in पर दी गयी है. साथ ही परीक्षा की सूचना व ब्रोशियर भी वेबसाइट पर दिया गया है. छात्रों को मिलने वाले एडमिट कार्ड पर भी इसकी समस्त जानकारियां प्रिन्ट की गयी हैं. छात्रों को इसी नियम के अनुसार परीक्षा केन्द्र पर पहुंचना होगा. उनका कहना है कि छात्रों की सुविधा के लिए इस बार बोर्ड ने विशेष हेल्प डेस्क तैयार किया है. कई बार छात्रों को फोन की लाइन नहीं मिलती है, इस बार ऐसा नहीं होगा. हर छात्र की समस्या का समाधान होगा. परीक्षा पूरी होने के बाद छात्रों की ओएमआर आंसर शीट बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी. साथ ही ऐसी हाइ टेक प्रणाली का सोफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिससे छात्र अपना आंसर का वैरीफिकेशन कर सकते हैं. अगर उन्हें जरा भी संदेह हो तो वे शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं.
उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में पारदर्शिता के लिए यह विशेष व्यवस्था की गयी है. 23 अप्रैल, 2017 को होने वाली परीक्षा का पेपर 1 (मैथ्स) 100 अंकों का होगा, यह पेपर 11 बजे से 1 बजे तक होगा. पेपर 2 (फिजिक्स एंड केमेस्ट्री) 100 अंकों का होगा. यह परीक्षा दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक चलेगी. बोर्ड के चैयरमैन मलयेन्दु साहा ने बताया कि पहले के बोर्ड चैयरमैन ने परीक्षा के लिए 2 दिन तय किये थे. इसके पीछे तर्क यही था कि एक ही दिन में तीन पेपर देने से छात्रों पर दबाव बढ़ेगा. अब मेडीकल की परीक्षा छात्रों को नहीं देनी है. केवल दो पेपर देने हैं, इसलिए परीक्षा एक ही दिन होगी.