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बाल संरक्षण आयोग ने केंद्र के दावे का किया खंडन

कोलकाता: पश्चिम बंगाल बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष अनन्या चक्रवर्ती ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की इस टिप्पणी का खंडन किया है कि जिन 10 बच्चियों को ठाकुरपुकुर में एक वृद्धाश्रम से बचाया गया, उन्हें केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के निर्देश पर एक अस्पताल ले जाया गया था. श्रीमती चक्रवर्ती ने कहा कि […]

कोलकाता: पश्चिम बंगाल बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष अनन्या चक्रवर्ती ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की इस टिप्पणी का खंडन किया है कि जिन 10 बच्चियों को ठाकुरपुकुर में एक वृद्धाश्रम से बचाया गया, उन्हें केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के निर्देश पर एक अस्पताल ले जाया गया था. श्रीमती चक्रवर्ती ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है. न तो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से इस तरह का कोई फोन आया और न ही खुद मंत्री की तरफ से कोई फोन आया.

उन्होंने कहा कि राज्य का सीआइडी ने अच्छा काम किया और वे बच्ची को जोका में खुद से इएसआइ अस्पताल ले गये. अस्पताल में बच्चियों को ले जाने के लिए किसी ने भी हस्तक्षेप नहीं किया या निर्देश दिया. गौरतलब है कि 25 नवंबर को सीआइडी ने 10 बच्चियों को पुर्वासा नामक आश्रम से बरामद किया था और उन्हें इएसआइ अस्पताल में भर्ती कराया था.

पुर्वासा मानसिक रूप से अशक्त लोगों के लिए एक आश्रय गृह है. इएसआइ,जोका के चिकित्सकों ने 10 बच्चियों के स्वास्थ्य के बारे में बताया कि वृद्धाश्रम में बच्चों की ठीक तरह से देखभाल नहीं की गयी थी. चिकित्सकों ने बताया कि ज्यादातर बच्चियां कुपोषण और त्वचा संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं जबकि दो बच्चियां बेहद कमजोर और एक थैलेसीमिया से ग्रसित है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बुधवार को ट्वीट किया था कि 10 बच्चियों को वृद्धाश्रम से बचाया गया और उन्हें केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल ले जाया गया.

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