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कुणाल पहुंचे तृणमूल नेता की शोकसभा में
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस से बहिष्कृत राज्यसभा सांसद कुणाल घोष गत सात अक्तूबर को जेल से छूटने के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में पहुंचे. मौका था 28 नंबर वार्ड के नेता दिवंगत श्यामल चक्रवर्ती की शोकसभा का. 28 नंबर वार्ड तृणमूल कांग्रेस की ओर से मानिकतला ब्लड बैंक के विपरीत आयोजित इस सभा […]
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस से बहिष्कृत राज्यसभा सांसद कुणाल घोष गत सात अक्तूबर को जेल से छूटने के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में पहुंचे. मौका था 28 नंबर वार्ड के नेता दिवंगत श्यामल चक्रवर्ती की शोकसभा का. 28 नंबर वार्ड तृणमूल कांग्रेस की ओर से मानिकतला ब्लड बैंक के विपरीत आयोजित इस सभा में पहुंचे श्री घोष ने तृणमूल से निकटता के संकेत दिये.
दिवंगत नेता श्यामल चक्रवर्ती को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे ही नेता की हर वार्ड में जरूरत है जो राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्य में जुटे हैं. वह भी मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि विकास कार्य की धारा को पार्टी के कार्यकर्ता व नेता तो संभाल लेंगे, उन्हें दिल्ली की लड़ाई पर जोर देना चाहिए. इसका कारण है कि फिलहाल केंद्र में लड़ाई, मोदी बनाम ममता ही है. यहां और कोई नहीं है.
मोदी के खिलाफ लड़ाई में ममता बनर्जी के आगे रहने के तीन कारण हैं. वह हैं संख्या, ग्रहणयोग्यता तथा लोकप्रियता. आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य की 42 सीटों में से तृणमूल के 40 से अधिक सीटें जीतने की आशा है. देश में भाजपा के खिलाफ इतनी अधिक सीटें शायद ही कोई अन्य पार्टी ला सके. इसके अलावा उनकी लोकप्रियता भी सर्वविदित है. लिहाजा मुख्यमंत्री को केंद्र की लड़ाई की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए.
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