कई जगहों पर तो एक हजार रुपये से भी कम कीमत पर एक क्विंटल धान बेचा जा रहा है. वहीं कृषि विपणन विभाग का दावा है कि पिछले दिन तक राज्य के किसानों को न्यूनतम 1280 रुपये से लेकर अधिकतम 1750 रुपया प्रति क्विंटल दाम मिला है. किसान नेता नृपेन चाैधरी का कहना है कि वर्तमान में किसान बेहद मुसीबत में हैं.
पहले तो राज्य सरकार ने धान नहीं खरीदा. अब नोटबंदी के कारण फसल की कीमत कम हो गयी है. किसान क्रेडिट कार्ड नहीं होने के कारण काफी किसान महाजनों पर ही निर्भर हैं. अभी मुसीबत आैर बढ़ गयी है. पैसा नहीं होने के कारण किसान अगली फसल के लिए बीज व अन्य सामान नहीं खरीद पा रहे हैं. धान काटने में भी समस्या हो रही है, क्योंकि श्रमिकों को देने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही राज्य के कृषि मंत्री पुर्णेंंदु बसु यह आशंका व्यक्त कर चुके हैं कि अगर स्थिति स्वभाविक नहीं हुई तो भुखमरी होने की आशंका है.