कैंपस में पढ़ाई के अलावा छात्रों को दी जायेगी सॉफ्ट स्किल्स की ट्रेनिंग
कोलकाता. पढ़ाई के साथ-साथ किस तरह छात्र रोजगार योग्य या आत्मनिर्भर बन सकते हैं, इस पर विचार करते हुए जादवपुर यूनिवर्सिटी ने एक नयी पहल शुरू की है. छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कैंपस में एक विशेष स्कूल खोला जायेगा, जिसमें छात्रों को हर स्तर पर प्रशिक्षित किया जायेगा. विशेष कर संवाद कला व साक्षात्कार का मुकाबला करने के लिए उन्हें तैयार किया जायेगा. यह जानकारी जादवपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो सुरंजन दास ने दी.
उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में कई ऐसे छात्र हैं, जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई तो कर रहे हैं, लेकिन उनमें अच्छा संवाद करने या अंगरेजी में बोलने की क्षमता नहीं है. ऐसे मेधावी छात्र जब नाैकरी के लिए साक्षात्कार देते हैं, तो असफल हो जाते हैं. ऐसे छात्रों को दक्ष बनाने के लिए इस तरह का एक खास सेंटर खोला जा रहा है. जहां एक शॉर्ट टर्म कोर्स के जरिये छात्रों को न केवल बॉडी लैंग्वेज, अंगरेजी बोलना सिखाया जायेगा, बल्कि अपने को प्रस्तुत करना भी सिखाया जायेगा. सत्र में छात्रों का मोक इंटरव्यू लिया जायेगा. विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जायेगा, जिससे वे अपने विचार व योजनाओं को अंगरेजी भाषा में खुल कर रख सकें. इस प्रस्ताव पर सहमति हो गयी है.
इस विषय में जेयू में कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग के प्रोफेसर पार्थ प्रतीम विश्वास ने बताया कि छात्रों के हित में यह एक इंडस्ट्री-फ्रेंडली कोर्स होगा, जहां पर छात्रों को ऐसी ट्रेनिंग दी जायेगी, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा. उनकी अंगरेजी दक्षता बढ़ने के साथ-साथ प्रतियोगिता में भाग लेने, नयी तकनीक को विकसित करने के प्रति रुचि पैदा होगी. इस सेंटर में छात्रों को नाैकरी के लिए अपने बायोडेटा तैयार करने के साथ कॉरपोरेट एट्टीकेट्स भी सिखाये जायेंगे, ताकि वे बड़े कॉरपोरेट जगत में नाैकरी कर सकें. इस स्कूल के लिए तकनीकी शिक्षा के तत्वावधान में अनुदान दिया जायेगा. छात्रों में सोफ्ट स्किल विकसित होने के बाद एकेडमिक व उद्योगों के बीच की दूरी भी कम की जा सकेगी.
आज के दाैर में उद्योगों की क्या जरूरत है, इस जानकारी के साथ छात्र कार्यस्थल पर अपने सहकर्मियों व बॉस के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की दक्षता भी हासिल कर पायेंगे. इंजीनियरिंग के छात्रों को इंडस्ट्री के हिसाब से पूरी तरह तैयार करने के लिए यह नया स्कूल खोला जायेगा. इसमें न केवल इंजीनियरिंग के, बल्कि सभी फैकल्टी के छात्र ट्रेनिंग ले सकते हैं. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के आधार पर ही यह स्कूल सक्रिय रहेगा, जिससे युवाओं के बीच तकनीकी व एंटरप्रिन्योरशिप दक्षता को प्रोत्साहित किया जा सके.