वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान जीआरएसइ ने अभी तक का सर्वाधिक 1707 करोड़ का टर्नओवर प्राप्त किया है, जबकि पिछले वर्ष यह 1612 करोड़ रुपये था.
2007-08 के दौरान कंपनी का टर्नओवर 574 करोड़ रुपये था, जो 2015-16 में लगभग तिगुना होकर 1707 करोड़ रुपये हो गया है. जीआरएसइ को अभी तक का सर्वाधिक 247 करोड़ का लाभ हुआ है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 161 करोड़ रुपये था. जीआरएसइ की कुल कीमत बढ़ कर 1604 करोड़ रुपये हो गयी है, जो पिछले वर्ष 968 करोड़ रुपये थी. राष्ट्र निर्माण और आत्मनिर्भरता की दिशा में जीआरएसइ की यात्रा दो पनडुब्बीरोधी युद्धवाहक और आइएनएस कामोत्र और आइएनएस कादमत के साथ शुरू हुई थी. जीआरएसइ अभी तक भारतीय सशस्त्र बलों को 98 युद्धपोत सौंप चुकी है और दो और जहाजों को सौंपने के लिए तैयार है. यह देश का पहला शिपयार्ड होगा, जो 100 युद्धपोतों के निर्माण के लिए अग्रसर है. इस अवसर पर सचिव (रक्षा उत्पादन) अशोक कुमार गुप्ता और जीआरएसइ के अधिकारी भी उपस्थित थे.