कोलकाता/खंडवा. सिद्ध क्षेत्र सिद्दवरकूटजी में विराजित आचार्य रत्न श्रीवर्धमान सागरजी महाराज व श्रीसंघ का रूप चौदस के दिन हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थित में पिच्छी परिवर्तन आयोजन हुआ. संघ को नयी पिच्छीयां दी गयीं और पुरानी पिच्छीयां नियम संयमीयों ने प्राप्त की. सिद्ध क्षेत्र सिद्दवरकूटजी की स्थायी समिति के सदस्य संजय पंचोलिया ने बताया कि चातुर्मास समाप्ति अवसर के पूर्व क्षेत्र कमेटी द्वारा यह आयोजन रखा गया.
नव दीक्षितों को छोड़कर शेष सभी जिसमें आचार्यश्री एवं संघ के 37 तपस्वियों को नूतन पिच्छीयां श्रेष्ठीयों द्वारा परिवार सहित उपस्थित होकर प्रदान की गयी. आचार्य महाराज वर्धमान सागरजी को पिच्छी देने का सौभाग्य गजू भैया, देवेंद्र जैन, अभिजीत जैन, निमिष जैन को प्राप्त हुआ. नियम संयमीयों में मनोरमा जैन, शोभा जैन, अविनाश जैन, पारस और विजया जैन को आचार्यश्री से पिच्छी प्राप्त करने का सौभाग्य मिला.
पंचोलिया ने बताया कि कार्यक्रम में मंगलाचरण संगीता पाटोदी सनावद ने किया. चित्र अनावरण सुरेश जैन, चिंतामण जैन, सुधीर जैन, प्रदीप कासलीवाल ने किया. दीप प्रज्जवलन के बाद बड़वाह की कन्याओं ने बहुत सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया. चातुर्मास अवसर पर सेवाभावी मनीषियों को शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया. आचार्य महाराज एवं संघ के प्रति उपस्थित कमेटी सदस्य और श्रावकों ने हुई गलतियों के लिए क्षमा चाही. आचार्य महाराज ने सभी को मंगल आशीर्वाद दिया और कहा आत्मसिद्धि की भावना न भी हो लेकिन शांति प्राप्त करने के लिए सिद्ध क्षेत्र सिद्दवरकूटजी की यात्रा करना चाहिए. साढ़े तीन करोड़ मुनियों सहित कामदेवों की सिद्ध भूमि पर रहकर उनकी तपस्या के परमाणुओं ने पूरे संघ को शक्ति प्रदान की है. इस अवसर पर एनएचडीसी के महाप्रबंधक सुधीर जैन का स्वागत विशेष रूप से किया गया. कार्यक्रम में प्रदीप महल, आशीष चौधरी, संतोष मामा, बाबूलाल जैन उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र जैन सनावद ने किया और आभार महामंत्री विजय काला ने माना.