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एमपी बिरला फाउंडेशन पूजा उत्कर्ष सम्मान के लिए छात्र बनेंगे जज

कोलकाता. एमपी बिरला फाउंडेशन पूजा उत्कर्ष सम्मान के जरिये न केवल पूजा कमेटियों को बल्कि युवा छात्राओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा. बंगाल की संस्कृति व यहां के कलाकारों के बारे में छात्रों को भी जानकारी मिलेगी. ये विचार साउथ प्वाइंट स्कूल व एमपी बिरला फाउंडेशन (एचएस) के छात्रों को प्रशिक्षित करने आये मेंटरों ने व्यक्त […]

कोलकाता. एमपी बिरला फाउंडेशन पूजा उत्कर्ष सम्मान के जरिये न केवल पूजा कमेटियों को बल्कि युवा छात्राओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा. बंगाल की संस्कृति व यहां के कलाकारों के बारे में छात्रों को भी जानकारी मिलेगी. ये विचार साउथ प्वाइंट स्कूल व एमपी बिरला फाउंडेशन (एचएस) के छात्रों को प्रशिक्षित करने आये मेंटरों ने व्यक्त किये. जज के रूप में छात्रों को कैसे पंडालों का मुआयना करना है, इसकी ट्रेनिंग मेंटरों को एक सत्र में दी गयी. साउथ प्वाइंट हाइस्कूल में आयोजित इस सत्र में तीनों मेंटर्स ने 40 छात्र-जजों को ट्रेंड किया.

जज के रूप में छात्र पंचमी की शाम को 100 से ज्यादा पूजा पंडालों का दाैरा करेंगे. इनमें से बेस्ट मूर्ति, बेस्ट पंडाल व बेस्ट सजावट के लिए योग्य कमेटी को चुना जायेगा. 18वें एमपी बिरला फाउंडेशन पूजा उत्कर्ष सम्मान 2016 के लिए आयोजित मेंटरिंग सत्र में स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस जयंत कुमार बासु, जाने-माने पेंटर रोबिन मंडल, रिसर्च स्कॉलर डॉ पूर्वा सेनगुप्ता ने छात्रों को बताया कि पंडालों का मूल्यांकन करते समय फायर सेफ्टी, ट्रैफिक प्रबंधन, पंडालों की आर्ट एंड क्राफ्ट व पूजा का पाैराणिक नजरिया भी देखना चाहिए.

यहां छात्रों को उनके असाइन्मेंट के लिए तैयार किया गया. स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस जयंत कुमार बासु ने यातायात प्रबंधन के नियम व भीड़ को नियंत्रित करने के तरीके बताये. जाने-माने पेंटर रोबिन मंडल ने मूर्ति बनाने व पंडाल सजावट के बारे में विस्तृत जानकारी दी. श्री सेनगुप्ता ने सूचनात्मक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में दुर्गापूजा के इतिहास व मूल के बारे में बताया. तीनों मेंटरों ने स्कूल के इस प्रयास की सराहना की. यह अपने तरह की एक अलग अवॉर्ड स्कीम है, जिसमें छात्रों को शामिल किया गया है.

बंगाल की संस्कृति व हेरिटेज के प्रति युवाओं में जागरूकता लाने के लिए यह प्रयास किया गया है. इसमें बंगाल के कलाकारों, डिजाइनरों व पूजा आयोजकों को उनकी रचनात्मकता के लिए सम्मानित किया जायेगा. अवॉर्ड विजेताओं के नाम षष्ठी के दिन घोषित किये जायेंगे. बताये गये क्राइटेरिया के आधार पर मूल्यांकन करते हुए पूजा पंडालों को चुना जायेगा. बेहतरीन मूर्ति व बेहतरीन पंडाल के अलावा पूजा विथ-अ-हार्ट-मुख्य अवॉर्ड दिया जायेगा. इसमेें नकद पुरस्कार, मेडल, अंगवस्त्र, सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस शामिल हैं.

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