उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सटीक नीतियों के अभाव के कारण ही पूंजीवाद, कारपोरेट और विदेशी पूंजी निवेश को बढ़ावा मिल रहा है जबकि किसानों, मजदूूरों और आम लोगों के हितों की अनदेखी हो रही है.
इसका फायदा केवल कारपोरेट जगत को मिल रहा है. महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से निबटने के लिए ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं. यानी केंद्र सरकार की दो तरह की नीति है. कारपोरेट जगत के लिए अलग नीति जबकि मजदूर और किसान वर्ग के लिए अलग. जेएनयू छात्र संसद चुनाव में वामपंथी छात्र संगठनों को मिली सफलता पर खुशी जताते हुए येचुरी ने कहा कि सांप्रदायिकता और पूंजीवादी नीतियों के खिलाफ भी छात्र संगठनों को एकजुट होकर आंदोलन करना होगा. कश्मीर में अशांत हुए माहौल पर माकपा की ओर से चिंता व्यक्त की गयी है. साथ ही बंगाल में वामपंथी व विरोधी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर होनेवाले हमले की घटना की येचुरी ने पुरजोर निंदा करते हुए इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात कही है.