31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद किसानों को उनकी जमीन वापस करने की प्रक्रिया आरंभ हो गयी थी, लेकिन भूमि विभाग का निर्देश आने के बाद इच्छुक किसानों का एक तबका सिंगूर की जमीन पर उद्योग लगाने की इच्छा जताने लगा है. उसका कहना है कि हम लोग शुरू से ही सिंगूर में उद्योग लगाने के पक्ष में थे. अभी अदालत ने किसानों को उनकी जमीन वापस करने का निर्देश तो दे दिया है, लेकिन अब यह जमीन खेती के लायक नहीं रह गयी है.
गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए विद्युत मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय सिंगूर जायेंगे. टाटा परियोजना के सामने शोनापाड़ा के लगभग 100 मेगावाट का एक सब-स्टेशन है, जिससे टाटा परियोजना इलाके एवं निकटवर्ती गांवों को बिजली की सप्लाई की जाती है. अधिग्रहित जमीन के अंदर स्थित इस सब-स्टेशन को हटाने का काम तीन सितंबर से आरंभ हुआ था, लेकिन बुधवार से यह काम बंद हो गया. विद्युत विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 14 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सिंगूर में प्रशासनिक बैठक एवं जनसभा के माध्यम से जनमत ले सकती हैं. यदी अधिकतर लोग उद्योग लगाने का समर्थन करें या किसी नये उद्योग की संभावना दिखाई, दे तो उस स्थिति में फिर से वहां सब-स्टेशन तैयार करना पड़ेगा. इसलिए फिलहाल इसे यहां से हटाने का काम रोक दिया गया है.