मेरी यह कार्य संस्कृति कुछ लोगों को अच्छी नहीं लग रही है. मुझ पर कई तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं. इसी कारण कॉलेज के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दिया है. शिक्षा व लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए लोकप्रिय इस शिक्षाविद् का कहना है कि 17 जुलाई, 2015 में वह इस कॉलेज में आये थे. प्रिंसिपल के रूप में उन्होंने हमेशा संस्थान की प्रतिष्ठा को बनाये रखने व इसके विकास के लिए सक्रिय रूप से काम किया. हर कर्मचारी हमारे काम से सहमत व संतुष्ट रहा, यही बात कुछ लोगों को बरदाश्त नहीं हो रही है. उन पर तरह-तरह के दबाव बनाये जा रहे हैं. उनका कहना है कि लगभग 25-30 साल तक उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा बनाये रखी है. वह किसी भी कीमत पर इस पर दाग नहीं लगने देंगे. यही सोच कर खुद से इस्तीफा दे दिया है. स्थिति की वास्तविकता जानने के लिए कॉलेज के कर्मचारियों से भी मीडिया बात कर सकता है.
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स्कॉटिश चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल का इस्तीफा
कोलकाता. स्कॉटिश चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ अमित अब्राहम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसकी घोषणा उन्होंने शनिवार की. उनके इस्तीफे को लेकर कॉलेज के शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में असंतोष है. इसके खिलाफ उन्होंने हस्ताक्षर अभियान चलाया है. डॉ अब्राहम ने शनिवार को मीडिया से कहा कि जिस संस्थान में व्यक्ति […]
कोलकाता. स्कॉटिश चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ अमित अब्राहम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसकी घोषणा उन्होंने शनिवार की. उनके इस्तीफे को लेकर कॉलेज के शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में असंतोष है. इसके खिलाफ उन्होंने हस्ताक्षर अभियान चलाया है.
डॉ अब्राहम ने शनिवार को मीडिया से कहा कि जिस संस्थान में व्यक्ति काम करता है, उसकी प्रतिष्ठा को कभी भी कोई ईमानदार व अनुभवी शिक्षाविद् आंच नहीं आने देगा. यह बात अलग है कि सच्चाई को बहुत सारी अग्निपरीक्षाओं से गुजरना पड़ता है. स्कॉटिश चर्च कॉलेज में नियुक्ति के साथ ही यह प्रण किया था कि कॉलेज की मान-मर्यादा बनाये रखने के साथ हर शिक्षक व कर्मचारी से सम्मानपूर्वक व्यवहार करूंगा. यह मेरे आचरण व संस्कृति में ही शामिल है.
वहीं कॉलेज के शिक्षकों का कहना है कि प्रिंसिपल का व्यवहार उत्तम व कार्य नीति बेहद पारदर्शी है. वह हर व्यक्ति को साथ लेकर चलते हैं. उनके आने के बाद इस संस्थान का एकेडमिक परिवेश काफी बेहतर बन गया है, यही बात मैनेजमेंट के कुछ लोगों को सहन नहीं हो रही है. हम चाहते हैं कि वह रहें. लगभग 150 शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने हस्ताक्षर अभियान चला कर उनसे इस्तीफा वापस लेने की गुहार की है.
कौन हैं डॉ अमित अब्राहम
लेखक व शिक्षाविद् डॉ अमित अब्राहम ने अपनी स्कूलिंग सेंट जोसेफ, कॉलेज नैनीताल से की. दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. पर्सनॉलिटी साइकोलॉजी में डॉक्टरेट किया. इससे पहले वह सेंट जॉन्स कॉलेज, आगरा में साइकोलॉजी, पोस्ट ग्रेजुएट विभाग के हेड थे. वह स्नातक व पीजी स्तर पर वहां लगभग 25 सालों तक पढ़ाते रहे. साथ ही निरीक्षक के रूप में भी वहा अनुसंधान कार्यों का निरीक्षण करते रहे. वह मानवीय साइकोलॉजी से जुड़े रिसर्च कार्यों में काफी सक्रिय रहते हैं. कई पुस्तकों के सफल लेखन के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं.
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