कोलकाता : स्कूलों में कई बच्चे जंक फूड खाना पसंद करते हैं. इसे स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकार माना जा रहा है. पौष्टिक भोजन को लेकर सीबीएसइ स्कूल बोर्ड के निर्देश के बाद कुछ स्कूल कुछ ज्यादा ही सावधानी बरत रहे हैं. कई स्कूल अपनी कैंटिनों में पौष्टिक आहारों को शामिल करने पर विशेष जोर दे रहे हैं. कैंटिनों से जंक फूड हटाये जा रहे हैं. इसके लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस अथॉरिटी अॉफ इंडिया (एफएसएसएआइ) स्कूल की कैंटिनों पर नजर बनाये हुए है. हालांकि कुछ स्कूल पहले से ही पौष्टिक आहार पर जोर दे रहे हैं. इसमें हेरीटेज स्कूल भी शामिल है. यहां बच्चे कैंटिन का ही पौष्टिक आहार खाते हैं. स्कूल की डाइटिशियन ने बताया कि कैंटिन में बांटी जा रही खाद्य सामग्री में पर्याप्त मात्रा में विटामिन व प्रोटीन हैं. यहां बच्चों को चिप्स या ड्रिंक नहीं दिया जाता. स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि हमारा खाना शाकाहारी है. यहां के बर्गर भी मल्टीग्रेन ब्रेड से बनाये जाते हैं.
स्कूल में खिचड़ी, दाल, ब्लैंडेड सब्जी, फल, सलाद व सूप के अलग ही काउंटर बने हुए हैं. लक्ष्मीपत सिंघानिया एकेडमी न्यूट्रीशन को लेकर काफी सतर्क है. शुक्रवार को सैंडविच, पास्ता एंड पीजा देते हैं लेकिन उसमें कई सब्जियां व फल शामिल होते हैं. बाकी दिन इडली-वरा, पराठा सब्जी, चावल दाल सब्जी वितरित की जाती है. बच्चों को ड्रिंक की जगह पर छाछ व फल के जूस दिये जाते हैं. इस विषय में एफएसएसएआइ ने यह प्रस्ताव दिया है कि स्कूल के 50 मीटर की दूरी तक जंक फूड पर अगर पाबंदी लगा दी जाये तो छात्र अपनी कैंटिन का ही पौष्टिक भोजन खायेंगे.