कोलकाता: डेबिट और क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने का डर दिखाकर अब तक लोगों से उनके कार्ड की पूरी जानकारी लेने के बाद ठगों का गिरोह कार्ड से हजार से लेकर लाखों रुपये निकाल कर अब तक लोगों को चूना लगाते थे. पुलिस की सख्ती के बाद अब इस तरह के गिरोह ने ठगी का तरीका बदल दिया है. पुलिस की कार्रवाई में कई शातिर आरोपी पकड़े गये, लेकिन कई अब भी फरार हैं और धड़ल्ले से नये तरीके से ठगी कर रहे हैं.
लॉटरी में रुपये जीतने का लालच देकर ग्राहक से मांगी कार्ड की जानकारी
गरियाहाट के निवासी गौतम उपाध्याय ने बताया कि उसे एक युवती ने फोन कर चार वर्ष पहले की गयी कार्ड से खरीदारी के बदले लॉटरी में सात हजार रुपये जीतने की जानकारी दी. युवती ने कहा कि अगर वह क्रेडिट कार्ड की जानकारी देंगे, तो वह यह जीती हुई राशि उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देगी. लेकिन गौतम ने भी दिमाग से काम लिया और पूरी जानकारी दिये बिना फोन काट दिया. उनका कहना है कि अनजाने में कई लोग इस तरह से ठगी के शिकार होकर थाने में शिकायतें दर्ज कर रहे हैं.
इस तरह के मामलों पर क्या कहती है पुलिस
पूरे मामले पर कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) विशाल गर्ग ने बताया कि इससे पहले इस तरह के मामले में झारखंड से कई गैंग को कोलकाता पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. इसके अलावा इस तरह के धोखाधड़ी के प्रति ग्राहकों को सचेत करने के लिए पुलिस बैंकों के अधिकारियों के साथ बैठक करती है. बैंकों को कई दिशा-निर्देश भी जारी करने को कहा गया है. जैसे बैंक के अंदर टीवी स्क्रीन पर ग्राहकों को जागरूक करना, ग्राहकों के फोन पर मैसेज भेजकर इस तरह के झांसे में न पड़ने का आवेदन करना, अखबार व रेडियो में विज्ञापन के जरिये ग्राहकों को जागरूक करना. उन्होंने बताया कि कुछ गिरोह द्वारा ठगी के तरीके में बदलाव करने की शिकायतें भी उनके पास आ रही हैं. वे लोगों से आवेदन करते हैं कि इस तरह के झांसे में न पड़कर पासबुक में दिये गये बैंक के नंबर पर फोन कर इसकी जानकारी दें. पुलिस इस तरह के गिरोह को पकड़ने की कोशिश कर रही है.
धोखीधड़ी को लेकर आरबीआइ भी जारी कर चुका है गाइडलाइन
1. तीन दिन के अंदर रिपोर्ट नहीं करने पर बैंक नहीं करेगा पूरा भुगतान
2. पांच से सात दिनों के अंदर रिपोर्ट करने पर पांच हजार रुपये तक मिलने के दावेदार होंगे पीड़ित
अब नया शातिर तरीका अपना रहे ठग
पर्णश्री इलाके के निवासी सुमित शर्मा ने बताया कि उनके फोन पर किसी युवती का फोन आया. युवती ने कहा कि वह एक सरकारी बैंक से फोन कर रही है. आपने कार्ड के बोनस प्वाइंट का इस्तेमाल नहीं किया, इसलिए उन्हें नया क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है. नये कार्ड के लिए वह पुराने कार्ड का नंबर व नाम उन्हें बताकर वेरीफाई करें. यह कहकर उसने ग्राहक से उसका नाम, पता, कार्ड का नंबर व उसके खत्म होने की अवधि की जानकारी मांगी. सुमित ने बताया कि महानगर में इस तरह के फोन से कई अनगिनत ठगी के मामले हो रहे हैं. इस कारण उसने कार्ड खत्म होने की अवधि बताने से इनकार कर दिया और उस युवती को अपने रिकार्ड से यह पता कर लेने को कहा. इसके बाद महिला ने फोन काट दिया.
बैंकों ने भी कमर कसी
उधर, इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कुछ बैंकों ने भी कमर कस ली है. हाल ही में आइसीआइसीआइ बैंक ने ऑनलाइन खरीदारी करनेवाले अपने ग्राहकों को छह अंकों वाले एक अतिरिक्त सिक्योरिटी पिन रजिस्टर्ड करने की बाध्यता लागू कर दी है. यह तीसरे स्तर की सुरक्षा है.