गौरतलब है कि वर्ष 2013-14 में पश्चिम बंगाल को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण सड़कों के बेहतरीन निर्माण के लिए पुरस्कार भी मिल चुका है. मार्च 2014 तक 2010 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के निर्माण का लक्ष्य था आैर विभाग ने इस अवधि में 2714 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर डाला. पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग ने 2011 से मार्च 2016 तक 10575 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया, जबकि वर्ष 2001-11 तक पिछली वाममोरचा सरकार ने 10690 किलोमीटर सड़क ही बनायी थी. केंद्र ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत फंड में भारी कमी कर दी है.
पहले इसके लिए पूरी रकम केंद्र सरकार देती थी आैर राज्य सरकार का काम केवल सड़कों की देखभाल व मरम्मत करना था. अब केंद्र की हिस्सेदारी कम होकर 60 प्रतिशत तक पहुंच गयी है आैर बाकी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी राज्य सरकार को वहन करनी पड़ रही है, साथ ही सड़कों की देखभाल का खर्च का भार भी राज्य सरकार को ही उठाना पड़ रहा है, लेकिन आर्थिक तंगी के बावजूद राज्य सरकार काम को अधूरा छोड़ने के बजाय आगे बढ़ा रही है आैर सड़क संपर्क के अपने लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास कर रही है.