भारत में राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक वेतन केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है. संसद के वेतन व अन्य सुविधाएं सभी राज्यों के लिए एक हैं, लेकिन मुख्यमंत्री व विधायकों का वेतन व भत्ता प्रत्येक राज्यों में अलग-अलग है. विधानसभा की अनुमति से राज्य सरकार इसे निर्धारित करती है. विधायकों के वेतन व भत्ते के मामले में पश्चिम बंगाल अन्य राज्यों से काफी पीछे है. विधानसभा में उपस्थिति के लिए प्रत्येक दिन विधायकों को भत्ता मिलता है.
वाममोरचा के शासनकाल में प्रतिदिन विधायकों का भत्ता 750 रुपये था. 2011 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार के गठन के बाद विधायकों के भत्ते में 250 रुपये वृद्धि की गयी. फिलहाल राज्य के विधायकों को विधानसभा में उपस्थिति के लिए प्रत्येक दिन 1000 रुपये भत्ता मिलता है. पंजाब के मुख्यमंत्री का वेतन प्रति माह 1 लाख रुपये है, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का वेतन प्रति माह मात्र 8 हजार रुपये हैं. यह वेतनमान वाम मोरचा शासन के दौरान से ही चला आ रहा है. इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है.