सहारा के प्रमुख सुब्रत रॉय पर आरोप लगने के बाद 2014 में उन्हें जेल भेज दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया था, लेकिन जब वह पैसा नहीं लौटा पाये, तो उन्हें जेल भेज दिया गया. कोर्ट ने सहारा को 5.4 बिलियन डॉलर लौटाने को कहा था.
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सारधा जैसी कंपनियों पर नकेल के लिए कड़े कानून लाने की तैयारी
नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने आम आदमी के पैसे को धोखाधड़ी से बचाने के उद्देश्य से सारधा जैसी चिटफंड या पोंजी कंपनियों पर नकेल के लिए कड़े कानून बनाने की तैयारी में जुटी है. सरकार की योजना है कि आम आदमी से अनैतिक रूप से पैसे जमा कराने वाली कंपनियों पर नकेल कसी जाये. ऐसे […]
नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने आम आदमी के पैसे को धोखाधड़ी से बचाने के उद्देश्य से सारधा जैसी चिटफंड या पोंजी कंपनियों पर नकेल के लिए कड़े कानून बनाने की तैयारी में जुटी है. सरकार की योजना है कि आम आदमी से अनैतिक रूप से पैसे जमा कराने वाली कंपनियों पर नकेल कसी जाये. ऐसे लोग फर्जी योजनाओं के जरिये पैसा इकट्ठा करते हैं और बड़ा मुनाफा कमाते हैं. देश के कई शहरों से चिटफंड कंपनियां निवेशकों का पैसा लेकर भाग चुकी हैं.
ताकि भविष्य में न डूबे गरीबों का पैसा : वित्त मामलों की संसदीय कमेटी के सदस्य निशिकांत दुबे ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि ऐसे नियम बनाये जाएं, जिससे भविष्य में सहारा जैसे फ्रॉड न हो सकें.
हावड़ा से चिटफंड कंपनी के मालिक को किया गिरफ्तार
हावड़ा. बंगाल से जयपुर काम करने गये श्रमिकों से चिटफंड कंपनी के जरिये लाखों रुपये गबन करने के आरोप में जयपुर पुलिस ने कंपनी के मालिक व मैनेजिंग डायरेक्टर शुभोब्रत दास को गिरफ्तार किया है. शुभोब्रत दक्षिण हावड़ा तृणमूल कांग्रेस का नेता भी बताया गया है. सोमवार को आरोपी को हावड़ा के सीजेएम अदालत में पेश किया गया. न्यायाधीश ने ट्रांजिट रिमांड पर आरोपी को जयपुर पुलिस के अधिकारियों के हवाले कर दिया है. जानकारी के अनुसार, शुभोब्रत रेलवे कर्मचारी था. रेलवे की नौकरी छोड़कर उसने ‘होली हॉक वेल्थ एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड’ नामक एक चिटफंड कंपनी खोली थी जिसका मुख्यालय दक्षिण हावड़ा के शेखपाड़ा में बनाया था.
जयपुर के अशोकनगर में फैलाया अपना कारोबार: जयपुर के अशोकनगर थाने की सब इंस्पेक्टर गीता चौधरी ने बताया कि शुभोब्रत ने तीन साल पहले जयपुर में अपनी कंपनी की एक शाखा खोली. उसने वहां के स्थानीय लोगों को अपना ग्राहक नहीं बनाया. साजिश के तहत उसने बंगाल से जयपुर में काम करने गये श्रमिक स्तर के लोगों को विभिन्न स्कीम के तहत रुपये दोगुना करने का प्रलोभन दिया.
बांग्ला में बात करने से ग्राहकों का विश्वास पुख्ता हुआ. एक-एक करके अनेक ग्राहकों ने अलग-अलग स्कीम के तहत उसकी कंपनी में अपने रुपये जमा किये. बताया जा रहा है कि सारधा घोटाले के बाद कंपनी की स्थित बिगड़ती चली गयी. आखिरकार, डेढ़ साल पहले जयपुर में खोली गयी कंपनी के ब्रांच ऑफिस को बंद कर शुभोब्रत हावड़ा लौट आया. अपनी जमा राशि नहीं मिलने पर ग्राहकों का गुस्सा फूटा. सबसे पहले महादेव अधिकारी नामक एक ग्राहक ने जयपुर के अशोकनगर थाने में शुभोब्रत के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी. इसके बाद एक-एक करके कुल 69 पीड़ित ग्राहकों ने भी जमा राशि नहीं मिलने पर थाने में शिकायत दर्ज करायी. अशोकनगर थाने की पुलिस ने घटना की जांच शुरू की. जयपुर पुलिस ने बताया कि शुरुआत में उनलोगों ने शुभोब्रत से बात की व जयपुर आने को कहा लेकिन वह जयपुर नहीं पहुंचा व मोबाइल नंबर भी बदल दिया. काफी खोजबीन के बाद हावड़ा सिटी पुलिस की मदद से जयपुर पुलिस ने उसे शिवपुर के बक्सरा इलाके से गिरफ्तार कर लिया. हालांकि उसके पास से रुपये जब्त नहीं किये गये हैं. जयपुर पुलिस ने बताया कि रिमांड पर लेने के बाद उससे पूछताछ की जायेगी.
घोटाले में शुभोब्रत के अलावा आैर भी लोग शामिल हो सकते हैं. उन सभी की तलाश की जा रही है. 90 लाख का घोटाला हुआ है. अभी पूरे मामले का खुलासा होना बाकी है.
गीता चौधरी, सब-इंस्पेक्टर, अशोकनगर थाना, जयपुर (राजस्थान)
शुभोब्रत दास का तृणमूल से कोई लेना-देना नहीं है. वह पार्टी के किसी भी पद पर नहीं है. अगर किसी ने अपराध किया है, तो निश्चित रूप से कानून अपना काम करे.
राम प्रकाश राय, महासचिव, दक्षिण हावड़ा तृणमूल कांग्रेस.
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