कोलकाता : तीन दिन के अंदर झारखंड व बिहार में एक-एक पत्रकार की हत्या की घटना ने सारे देश को झकझोर कर रख दिया है. देश भर में इन हत्याकांडों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हो रहा है. पश्चिम बंगाल के पत्रकार भी अपने साथियों पर हो रहे जानलेवा हमलों से काफी दुखी व आतंकित हैं.
पत्रकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ अपने गुस्से व नाराजगी का इजहार करते हुए महानगर के पत्रकारों ने शनिवार को एक मौन रैली निकाली. इस रैली का आयोजन पत्रकारों के किसी संगठन अथवा प्रेस क्लब ने नहीं किया था, बल्कि सोशल मीडिया पर हुए एक आह्वान पर बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी इकट्ठा हुए थे.
कलकत्ता प्रेस क्लब से निकली यह रैली मेयर रोड, जवाहरलाल नेहरू रोड तथा एस्प्लानेड का चक्कर लगा कर प्रेस क्लब में पुन: पहुंच कर समाप्त हुई. रैली में शामिल पत्रकारों ने विरोध जताने के लिए काली पट्टी लगा रखी थी. उनके हाथ में काले झंडे व कागज भी थे, जिन पर पत्रकारों पर हमलों को रोकने की मांग लिखी हुई थी. प्रेस क्लब पहुंच कर पत्रकारों ने झारखंड व बिहार में अपराधियों के हाथों मारे गये दोनों पत्रकारों को मोमबत्ती जला कर श्रद्धांजलि अर्पित की. उनकी याद में कुछ देर के लिए मौन भी धारण किया. गौरतलब है कि शुक्रवार रात बिहार के सीवान में एक हिंदी अखबार के ब्यूरो चीफ राजदेव रंजन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. इस घटना से एक दिन पहले झारखंड के चतरा में एक न्यूज चैनल के संवाददाता इंद्रदेव यादव की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.
उत्तर बंगाल के सभी पत्रकार संगठनों ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है. उत्तर बंगाल में कूचबिहार से लेकर दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट तक पत्रकारों ने इस घटना की निंदा की है और तीव्र रोष प्रकट किया है. सभी स्थानों पर शनिवर को काला दिवस का पालन किया गया. सिलीगुड़ी में सभी पत्रकारों ने अपनी बांह पर काला फीता लगा कर काम किया.