वार्ड 127 में भी पानी की समस्या से लोग काफी परेशान हैं. शकुंतला बुस्टिंग रिजर्वर पंप का केवल उद्घाटन हुआ है, इसका काम अभी तक शुरू नहीं किया गया है. पुराना ट्यूबवेल ठीक करवाने के बाद भी पानी का संकट बना हुआ है. माकपा के कुछ पार्षदों ने आरोप लगाया कि जहां मेयर व मेयर परिषद के सदस्य हैं, उन इलाकों में पानी आ रहा है, बाकी इलाकों में जैसे बोरो 10 के सभी वार्ड में पानी की काफी समस्या है.
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निगम के अधिवेशन में जल संकट पर चर्चा
कोलकाता. कोलकाता नगर निगम के मासिक अधिवेशन पर बुधवार को चुनावी माहाैल का असर दिखा. इस कारण अधिवेशन एक घंटा भी नहीं चल सका. इस दौरान विपक्षी पार्षदों ने महानगर में पानी की समस्या के मुद्दे को उठाया. वार्ड नंबर 128 की पार्षद रत्ना राय मजुमदार का कहना था कि उनके इलाके में पानी की […]
कोलकाता. कोलकाता नगर निगम के मासिक अधिवेशन पर बुधवार को चुनावी माहाैल का असर दिखा. इस कारण अधिवेशन एक घंटा भी नहीं चल सका. इस दौरान विपक्षी पार्षदों ने महानगर में पानी की समस्या के मुद्दे को उठाया. वार्ड नंबर 128 की पार्षद रत्ना राय मजुमदार का कहना था कि उनके इलाके में पानी की समस्या से लोग परेशान हैं. गार्डेनरीच वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी की आपूर्ति शकुंतला बुस्टिंग रिजर्वर पंप तक होने की बात तय की गयी थी, लेकिन अब तक लोगों को पानी नहीं मिला है.
इस विषय में कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि अभी चुनाव के कारण-कोड ऑफ कन्डक्ट जारी है, अभी वे वहां कुछ काम नहीं करवा सकते हैं. चुनाव नतीजों के बाद अगले महीने वहां काम शुरू किया जायेगा. वहीं वार्ड 98 के माकपा पार्षद मृत्युंजय चक्रवर्ती ने प्रस्ताव दिया कि 100 दिन के रोजगार की स्कीम के तहत कई स्वास्थ्य, जल व कन्जरवेंसी विभाग में कई कर्मचारियों को दिसंबर से वेतन नहीं दिया गया है. ये कर्मचारी जहां आर्थिक तंगी झेल रहे हैं, वहीं कुछ वार्ड में एडवांस में ही पैसा चला गया है. चुनाव के चलते यह सब प्रपंच व भेदभाव किया जा रहा है.
निगम के अधिवेशन में कांग्रेस दल के नेता व वार्ड 29 के पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने विवेकानंद फ्लाईओवर के गिरने के बाद क्षतिग्रस्त हुए मकानों की व्यवस्था दुरुस्त करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन निगम की चैयरपर्सन माला राय ने उनका प्रस्ताव सदन के समक्ष नहीं रखा.
इस बात की शिकायत करते हुए पार्षद ने कहा कि इसको सबजूडिस मामला बताते हुए टाल दिया गया. फ्लाईओवर गिरने के बाद 25 नंबर, विवेकानंद रोड पर कुछ मकान काफी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं. निगम की जिम्मेदारी है कि उसको ठीक करवाये, लेकिन उनके प्रस्ताव की अनदेखी की गयी. अगर इन क्षतिग्रस्त मकानों के कारण कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसके जिम्मेदार कोलकाता नगर निगम के मेयर व चैयरपर्सन होंगे. इसके बाद हमारा दल दोनों की गिरफ्तारी की मांग करेगा. चुनावी माहौल के कारण कई अन्य मुद्दों को निगम के हाऊस में उठाया ही नहीं गया.
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