कोलकाता: निवेशकों, एजेंटों व विभिन्न राजनीतिक दलों के विरोध प्रदर्शन के कारण जब सारधा ग्रुप के चेयरमैन सुदीप्त सेन को बारुईपुर कोर्ट के पिछले दरवाजे से निकालने के लिए बरामदे से ले जाया जा रहा था, तब मीडिया द्वारा पूछे जाने पर उसने दावा किया कि अगले तीन महीने में सब कुछ साफ हो जायेगा. सुदीप्त ने दावा किया कि जांचकर्ताओं से वह पूरा सहयोग करेगा और यह तय करेगा कि गरीब निवेशकों के पैसे उन्हें वापस मिल जायें.
सारधा ग्रुप के पतन के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा कि उसकी कंपनी के कुछ भरोसेमंद कर्मचारी ही इसके लिए जिम्मदार हैं. पर सुदीप्त सेन ने सारधा से जुड़े किसी भी राजनेता का नाम लेने से इनकार कर दिया.
एक रात दमदम सेंट्रल जेल मे गुजारने के बाद सारधा ग्रुप के मालिक सुदीप्त व उसके सहयोगी अरविंद सिंह चौहान को फिर से अगले 10 दिनों तक न्यूटाउन पुलिस स्टेशन के लॉकअप में रहना होगा.
शनिवार को सुदीप्त व अरविंद सिंह चौहान को विधाननगर कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 31 मई तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया था. उसके बाद ही पुलिस सुदीप्त व अरविंद को दमदम सेंट्रल जेल ले गयी थी. रविवार को दोनों को दक्षिण 24 परगना जिला के बारूईपुर कोर्ट में पेश किया गया, जिला पुलिस ने अदालत से पूछताछ के लिए दोनों को रिमांड पर देने का आवेदन किया. अदालत ने पुलिस के आवेदन को स्वीकार करते हुए दोनों को 10 दिनों तक दक्षिण 24 परगना की पुलिस रिमांड पर भेजने का निर्देश दिया.
अदालत का निर्देश मिलने के बाद दक्षिण 24 परगना जिले की पुलिस के लिए सुदीप्त से पूछताछ का रास्ता खुल तो गया है, पर उसे यह पूछताछ न्यूटाउन पुलिस स्टेशन में ही करनी होगी. सुरक्षा के मद्देनजर उसे न्यूटाउन पुलिस स्टेशन के लॉकअप में ही रखा जायेगा, जहां जाकर दक्षिण 24 परगना की पुलिस उनसे पूछताछ करेगी.