।।अमर शक्ति।।
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर सांसद रह चुके राज्य के पूर्व आइएएस अधिकारी विक्रम सरकार का आखिरकार भाजपा से मोह भंग हो गया और वह एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर दो बार सांसद रह चुके श्री सरकार ने वर्ष 2013 में पार्टी छोड़ दिया था और भाजपा में शामिल हो गये थे. इसके बाद उन्होंने हावड़ा में भाजपा की टिकट पर लोकसभा भी चुनाव भी लड़ा, लेकिन उनको हार का मुंह देखने पड़ा.अब एक बार फिर वह फरवरी महीने के अंत तक तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे. तृणमूल कांग्रेस की सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के नेता श्री सरकार के साथ लगातार संपर्क में है. सब कुछ ठीक ठाक रहा तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं श्री सरकार से मिलेंगी.
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के संबंध में पूछे जाने पर श्री सरकार ने कहा कि भाजपा की जन-विरोधी नीतियों के कारण वह पार्टी छोड़ने को मजबूर हो गये हैं. इसलिए वह एक बार फिर से तृणमूल कांग्रेस के साथ जुड़ने का मन बना रहे हैं और अपनी बाकी जिंदगी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मिल कर राज्य के विकास के लिए जीना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह सिर्फ तृणमूल कांग्रेस के साथ जुड़ना चाहते हैं. विधानसभा चुनाव में टिकट पाने या मंत्री बनने के लिए उन्होंने यह निर्णय नहीं लिया. वह तृणमूल कांग्रेस में एक सदस्य की तरह कार्य करना चाहते हैं.
गौरतलब है कि विक्रम सरकार ने वर्ष 1998 में हावड़ा में माकपा नेता स्वदेश चक्रवर्ती व उसके बाद वर्ष 2000 में पांशकुड़ा भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता को हरा कर सांसद बने थे. लेकिन वर्ष 2004 में वह हावड़ा लोकसभा क्षेत्र में माकपा के उम्मीदवार स्वदेश चक्रवर्ती से चुनाव हार गये थे.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार, विक्रम सरकार की भांति कई और पूर्व आइएएस व आइपीएस अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के साथ जुड़ना चाहते हैं. राज्य में चुनाव की घोषणा के पहले वह तृणमूल कांग्रेस से जुड़ेंगे, हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया. वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के ठीक पहले राज्य के कई आइपीएस व आइएएस अधिकारियों ने भाजपा का झंडा थाम लिया था, इनमें राज्य के पूर्व चुनाव आयोग अधिकारी, सीबीआइ के पूर्व निदेशक, आरपीएफ के पूर्व सह आयुक्त सहित अन्य शामिल थे.