टैक्सी ड्राइवरों व यात्रियों के लिए अलग-अलग तरह का एप होगा. एप से जुड़नेवाले टैक्सी चालकों के लिए प्राथमिक शर्त है कि उसके पास एंडराइड फोन होनी चाहिए. मोबाइल फोन के माध्यम से या इंटरनेट के माध्यम से कोल टैक्सी वेबसाइट में पंजीकरण करना होगा. पंजीकरण में टैक्सी ड्राइवर का नाम व उनके फोन नंबर रहेंगे. यात्रियों को कोल टैक्सी एप डाउनलोड करना होगा. एप डाउनलोड करने पर कोल टैक्सी में पंजीकृत समीप के सभी टैक्सी चालकों के नंबर व नाम आ जायेंगे.
Advertisement
अब पीली टैक्सियां भी होंगी हाइटेक
कोलकाता: महानगर में वर्षों से चल रहीं पीली टैक्सियां भी अब हाइटेक होंगी. ‘कोल टैक्सी’ एप के माध्यम से यात्री सीधे अपने आसपास स्थिति पीली टैक्सियों की न केवल जानकारी हासिल कर पायेंगे, बल्कि ड्राइवरों से सीधे बात कर गंतव्य स्थान पर जाने का प्रस्ताव भी दे पायेंगे. सोमवार को ब्रांड नेक्सट के सीइओ कौशिक […]
कोलकाता: महानगर में वर्षों से चल रहीं पीली टैक्सियां भी अब हाइटेक होंगी. ‘कोल टैक्सी’ एप के माध्यम से यात्री सीधे अपने आसपास स्थिति पीली टैक्सियों की न केवल जानकारी हासिल कर पायेंगे, बल्कि ड्राइवरों से सीधे बात कर गंतव्य स्थान पर जाने का प्रस्ताव भी दे पायेंगे. सोमवार को ब्रांड नेक्सट के सीइओ कौशिक मौलिक ‘कोल टैक्सी’ एप को लांच करेंगे. श्री मौलिक ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए बताया कि मंगलवार से यह एप काम करने लगेगा.
यात्री सीधे ड्राइवर को फोन कर गंतव्य स्थान के संबंध में प्रस्ताव दे पायेंगे. उन्होंने कहा कि किराये के लेन-देन में ‘कोल टैक्सी’ की कोई भी भूमिका नहीं होगी. कोलकाता के फेयर टैक्सी के अनुसार ही यात्री को टैक्सी किराये का भुगतान करना होगा. इसके लिए अतिरिक्त कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि टैक्सी चालकों के लिए यह सुविधा रहेगी कि उन्हें यात्रियों की तलाश नहीं करनी होगी. उनके नंबर पर खुद ही यात्री फोन कर तहकीकात करेगा. इसके साथ ही उन्हें पंजीकरण के लिए कोई शुल्क भी नहीं देना होगा, हालांकि न्यूनतम मासिक शुल्क का प्रस्ताव है, जो बहुत ही कम होगा. ड्राइवर कभी भी वह कभी भी एप से लॉग आउट हो सकते हैं और जब वे लॉग आउट रहेंगे, तब उनका नंबर शो नहीं करेगा. पूरी व्यवस्था जीपीएस सिस्टम पर आधारित होगी. टैक्सी मालिकों को भी टैक्सी ड्राइवरों की गतिविधियों पर इससे निगरानी रख पायेंगे.
दूसरी ओर, यात्रियों को एप के माध्यम से केवल एक पीली टैक्सी नहीं, बल्कि आसपास इलाके की सभी टैक्सियां दिखायी देंगी. इससे उनके लिए भी विकल्प चयन में सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि इसका सॉफ्टवेयर उन लोगों ने तैयार किया है. कोलकाता के बाद दिल्ली में ‘डेल टैक्सी’ व मुंबई में ‘मु टैक्सी’ आदि एप लांच किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल उन लोगों के पास टैक्सी चालकों के नंबर नहीं है, लेकिन अगले एक माह तक टैक्सी चालकों के पंजीकरण का अभियान चलाया जायेगा. उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि एप के बावजूद टैक्सी रिफ्यूजल की समस्या बरकरार रहेगी, लेकिन वे कम रिफ्यूजल करनेवाले टैक्सी चालकों को प्वाइंट देंगे, बाद में कम रिफ्यूजल करनेवाली टैक्सियों को नकद पुरस्कार भी दिया जायेगा. उन्हें कम से कम रिफ्यूजल करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. इस वाबत वे विभिन्न टैक्सी संगठनों के साथ भी बातचीत करेंगे और उनके सहयोग से कार्य किया जायेगा. बंगाल टैक्सी एसोसिएशन के महासचिव विमल गुहा ने कहा कि उनका यूनियन पूरी तरह से कोल एप को मदद देगा. एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-आॅर्डिनेशन कमेटी के संयुक्त नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि उनकी श्री मौलिक से बातचीत हुई. टैक्सी चालकों के हित के प्रत्येक कार्य में वह साथ हैं और उनका संगठन टैक्सी चालकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.
टैक्सी रिफ्यूजल बंद करेंगे टैक्सी चालक : श्रीवास्तव
कोलकाता. एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव व वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-आर्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने टैक्सी चालकों से टैक्सी रिफ्यूजल बंद करने की अपील की है. श्री श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों, इनमें डॉक्टर से लेकर समाज के बड़े व प्रभावशाली वर्ग के लोग शामिल हैं. उन लोगो की शिकायत है कि कुछ टैक्सी चालक टैक्सी रिफ्यूजल कर रहे हैं तथा गंतव्य स्थान पर जाने से इनकार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि टैक्सी रिफ्यूजल ने एक रोग का रूप धारण कर लिया है. इस बीमारी की रोकथाम जरूरी है. उन्होंने कहा कि सभी टैक्सी चालक रिफ्यूजल नहीं करते हैं, वरन कुछ टैक्सी चालक ही रिफ्यूजल करते हैं. वे लोग रिफ्यूजल बंद करने के लेकर प्रचार चलायेंगे तथा टैक्सी चालकों से अपील करेंगे कि वे टैक्सी रिफ्यूजल से परहेज करें. टैक्सी चालकों में कुछ टैक्सी चालक रिफ्यूजल करते हैं, तो कुछ ऐसे इमानदारी टैक्सी चालक हैं, जो यात्रियों के पैसे को लौटा देते हैं. उन्होंने कहा कि सात फरवरी को उन लोगों का महासम्मेलन होगा. उस सम्मेलन में टैक्सी रिफ्यूजल पर चर्चा होगी. सम्मेलन में टैक्सी चालकों पर पुलिस जुल्म का भी मुद्दा उठेगा. महासम्मेलन में टैक्सी चालकों की मांगों सहित अन्य मुद्दों को उठाया जायेगा तथा बृहत्तर आंदोलन जैसे टैक्सी हड़ताल की घोषणा हो सकती है. हावड़ा में पहले से ही पुलिस का जुल्म बढा हुआ है. इसके मद्देनजर हावड़ा पुलिस को 31 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया है. यदि इस बीच कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे लोग 16 फरवरी से हावड़ा के टैक्सी बॉयकॉट करेंगे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement