श्री श्रीवास्तव ने कहा कि वे लोग 31 जनवरी तक पुलिस के जवाब का इंतजार करेंगे, यदि कोई कार्रवाई नहीं की गयी है, तो टैक्सी चालक 16 फरवरी से हावड़ा टैक्सी बॉयकाट के लिए बाध्य होंगे. उन्होंने कहा कि हावड़ा में सिविल पुलिस टैक्सी चालकों पर अत्याचार कर रही है. टैक्सियों के टायर का हवा निकाल दिया जा रहा है. मनमाना रूप से मामला दायर किया जाता है.
एक अक्तूबर को परिवहन सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के साथ बैठक हुई थी, उसके बाद हावड़ा पुलिस आयुक्त को परिवहन सचिव ने पत्र भी दिया था, लेकिन पुलिस की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी है. दिनों-दिन टैक्सी चालकों पर पुलिस का जुल्म बढ़ते ही जा रहा है. उन्होंने कहा कि हावड़ा टैक्सी चालक अपनी समस्याओं को 21 जनवरी को एटक कार्यालय में दर्ज करा सकते हैं. वह व उनके यूनियन के सदस्यों ने टैक्सी चालकों की समस्याओं को लिपिबद्ध करने की व्यवस्था की है.
इसके साथ ही सात फरवरी को एटक कार्यालय में टैक्सी संगठनों का महासम्मेलन का आह्वान किया गया है. इस महासम्मेलन में टैक्सी चालकों की समस्याओं को उठाया जायेगा. टैक्सी चालकों पर पुलिस के खिलाफ वे लोग टैक्सी हड़ताल की भी घोषणा कर सकते हैं, क्योंकि यह सरकार आंदोलन के अतिरिक्त और कोई भाषा नहीं समझती है.