कोलकाता: विश्व मानवाधिकार दिवस पर एक गैर सरकारी संगठन ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आवेदन देकर यह विचार करने को कहा है कि क्या उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए. के. गांगुल को गिरफ्तार किया जा सकता है. गांगुली पर एक इंटर्न का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है और उन्होंने पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के प्रमुख पद से इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम. के. नारायण के माध्यम से राष्ट्रपति को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘उच्चतम न्यायालय के पैनल की जांच के बावजूद गांगुली बेशर्मी से पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं और पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है क्योंकि वह हाई प्रोफाइल लोगों की श्रेणी में आते हैं.’’
इससे पहले महिला अधिकार कार्यकर्ता सांताश्री चौधरी और गैर सरकारी संगठन ‘भारत बचाओ संगठन’ के कार्यकर्ताओं ने डब्ल्यूबीएचआरसी के कार्यालय के समक्ष रैली की और ‘शर्म, शर्म’ के नारे लगाए. उन्होंने न्यायमूर्ति गांगुली से डब्ल्यूएचआरसी से इस्तीफा देने और उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग की.