उन्होंने बताया कि अगले शिक्षा सत्र में और भी तीन विषयों की पढ़ाई यहां शुरू की जायेगी़ इनमें लाइब्ररी साइंस, फिजियोलॉजी एवं एलएलएम शामिल है. वर्तमान में कुल 18 विषयों की पढ़ाई इस विश्वविद्यालय में हो रही है.
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गोपाल मिश्र ने गौड़बंग विवि के वीसी का पदभार संभाला
मालदा: गौड़बंग विश्वविद्यालय के स्थायी वाइस चांसलर के रूप में प्रो़ गोपाल मिश्र ने बुधवार को पदभार ग्रहण कर लिया. इतने दिनों से वह विश्वविद्यालय के अस्थायी वाइस चांसलर के रूप में कार्यरत थे. श्री मिश्र ने बताया कि वर्ष 2019 तक वे विश्वविद्यालय के स्थायी वाइस चांसलर के रूप में कार्यरत रहेंगे. उन्होंने बताया […]
मालदा: गौड़बंग विश्वविद्यालय के स्थायी वाइस चांसलर के रूप में प्रो़ गोपाल मिश्र ने बुधवार को पदभार ग्रहण कर लिया. इतने दिनों से वह विश्वविद्यालय के अस्थायी वाइस चांसलर के रूप में कार्यरत थे. श्री मिश्र ने बताया कि वर्ष 2019 तक वे विश्वविद्यालय के स्थायी वाइस चांसलर के रूप में कार्यरत रहेंगे.
श्री मिश्र ने आगे बताया कि विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह के बाद 18 दिसंबर को यूजीसी की चार लोगों की टीम ने विश्वविद्यालय का दौरा किया है. इस टीम का दिल्ली विश्वविद्यालय के पदार्थ विज्ञान के पूर्व अध्यापक तथा यूजीसी के सदस्य इंद्रमोहन कापाही कर रहे थे़ जबिक टीम में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पदार्थ विज्ञान के अध्यापक आरएस तिवारी, हरियाणा विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की अध्यापक रेखा एवं यूजीसी के अधिकारी जी श्रीनिवास शामिल थे. उन्होंने आगे कहा कि इस टीम ने विश्वविद्यालय के पठन-पाठन, प्रशासनिक ढांचागत सुविधाएं, अध्यापक व लैब आदि को देखा और इसपर संतोष व्यक्त किया है. आशा है कि 2016 शिक्षा सत्र से इस विश्वविद्यालय को यूजीसी के 12 बी का अनुमोदन प्राप्त हो जायेगा. यूजीसी की टीम ने भी जल्द अनुमोदन मिलने की बात कही है़.
श्री मिश्र ने बताया कि विश्वविद्यालय में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिये भी कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाये गये है. देश-विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालय के साथ गौड़बंग विश्वविद्यालय का संपर्क स्थापित किया जा रहा है. अमेरिका के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के साथ बातचीत शुरू भी हो चुकी है. इसके अलावा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय व जादवपुर विश्वविद्यालय से भी संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गयी है. गौड़बंग विश्वविद्यालय में वर्तमान में तीन हजार विद्यार्थी हैं, जबकि 126 अध्यापकों के स्थान पर मात्र 68 अध्यापक हैं. इसके अलावा यहां 40 गैर शिक्षक कर्मचारी की आवश्यकता है़ मात्र 18 कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है. विश्वविद्यालय में कुल 59 अस्थायी कर्मचारी हैं.
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