आवेदनकारी संजय माइती की ओर से वकील विक्रम बनर्जी ने बताया कि 2015 के एक अप्रैल को गैर प्रशिक्षित उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने के संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी की थी.
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प्राथमिक टेट के नतीजों के प्रकाशन पर स्थगनादेश
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक योग्यता परीक्षा (टेट) के नतीजों के प्रकाशन पर स्थगनादेश लगा दिया है. जनवरी के द्वितीय सप्ताह तक यह स्थगनादेश प्रभावी रहेगा. अगली सुनवाई (19 जनवरी) के बाद इस बाबत आगे फैसला लिया जायेगा. यह स्थगनादेश कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची ने लगाया है. […]
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक योग्यता परीक्षा (टेट) के नतीजों के प्रकाशन पर स्थगनादेश लगा दिया है. जनवरी के द्वितीय सप्ताह तक यह स्थगनादेश प्रभावी रहेगा. अगली सुनवाई (19 जनवरी) के बाद इस बाबत आगे फैसला लिया जायेगा. यह स्थगनादेश कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची ने लगाया है.
गैर प्रशिक्षित उम्मीदवारों के परीक्षा में बैठने की समयसीमा 31 मार्च 2016 तक बढ़ायी गयी थी. 2014 का प्राथमिक टेट इस वर्ष 11 अक्तूबर को आयोजित हुआ. करीब 22 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी.
प्रशिक्षित उम्मीदवारों के कुछ अभिभावकों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की उक्त विज्ञप्ति को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि केंद्र सरकार इस तरह की छूट राज्य को नहीं दे सकती.
राज्य सरकार को 2009 में ही गैर प्रशिक्षित उम्मीदवारों के लिए समयसीमा बढ़ाने की छूट मिल गयी थी. अब फिर से इस समयसीमा को नहीं बढ़ाया जा सकता. छूट केवल प्रशिक्षित उम्मीदवारों की संख्या पदों की तुलना में कम होने पर ही मिलती है. बुधवार को सुनवाई में खंडपीठ ने मामले की विस्तृत चर्चा की जरुरत समझी व नतीजों के प्रकाशन पर स्थगनादेश लगाते हुए अगली सुनवाई 19 जनवरी को निर्धारित की है.
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