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सरकारी अस्पतालों में नर्से कम

कोलकाता: राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में नर्सो की भारी कमी है. इससे चिकित्सा सेवा प्रभावित हो रही है. एक ओर अस्पतालों में नर्सो की कमी है, वहीं दूसरी ओर राज्य के विभिन्न नर्सिग कॉलेजों से जनरल नर्सिग एंड मिड वाइफरी (जीएनएम) कोर्स पास कर चुकीं लगभग दो हजार नर्सो के पास नौकरी […]

कोलकाता: राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में नर्सो की भारी कमी है. इससे चिकित्सा सेवा प्रभावित हो रही है. एक ओर अस्पतालों में नर्सो की कमी है, वहीं दूसरी ओर राज्य के विभिन्न नर्सिग कॉलेजों से जनरल नर्सिग एंड मिड वाइफरी (जीएनएम) कोर्स पास कर चुकीं लगभग दो हजार नर्सो के पास नौकरी नहीं है. नर्सो की कमी से स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य व डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन (डीएमइ) सुशांत बंद्योपाध्याय भलीभांति अवगत हैं. इसके बावजूद कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.

जानकारों के अनुसार, नर्सिग काउंसिल के सकरुलर के तहत जनरल वार्ड में पांच मरीजों कीदेखरेख के लिए एक नर्स तथा स्पेशल यूनिट में एक मरीज पर एक नर्स को रखने का प्रावधान है. नर्सिग काउंसिल के इस सकरुलर की अनदेखी राज्य के समस्त सरकारी अस्पतालों में की जा रही है. महानगर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भरती 25 से 30 मरीजों की देखरेख के लिए मात्र एक नर्स है. इस बारे में नर्सेस यूनिटी के सहायक सचिव भास्वति मुखर्जी कहती हैं कि इस वक्त राज्य को लगभग 20 हजार नर्सो की जरूरत है. इसके बावजूद लगभग दो हजार नर्सो के पास नौकरी नहीं है. जीएनएम व बीएससी नर्सिग कर चुकीं सैकड़ों नर्सो को उनकी डिग्री के हिसाब से प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है.

नर्सो के अभाव में काम का दबाव
श्रीमती मुखर्जी ने बताया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में नर्सो की संख्या कम होने के कारण अन्य नर्सो पर कार्य का दबाव बढ़ रहा है. नियमानुसार महानगर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कार्य करनेवाली नर्सो को 15 दिन के अंतराल पर तीन नाइट डय़ूटी क रनी चाहिए, लेकिन इन्हें हर 12 दिनों के अंतराल पर तीन दिन नाइट डय़ूटी करनी पड़ रही है, जो 12 घंटे की होती है. नर्सो को विभिन्न वार्डो में नर्सिग करने के बाद उन्हें क्लर्क के तौर पर भी कार्य करना पड़ता है.

कहां-कितनी नर्सो की कमी
श्रीमती मुखर्जी के अनुसार, राज्य के सबसे बड़े व एक मात्र सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पीजी में लगभग 400 नर्सो की जरूरत है. इसके अलावा कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज में लगभग 250, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लगभग 250, नील रतन सरकार अस्पताल में लगभग 300 तथा कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लगभग 200 नर्सो की जरूरत है.

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